अपनों के लिए दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर
हरदोई, जागरण संवाददाता : पंचायत चुनाव के पहले चरण में कई दिग्गजों की साख भी दांव पर लगी है। सांसद
हरदोई, जागरण संवाददाता :
पंचायत चुनाव के पहले चरण में कई दिग्गजों की साख भी दांव पर लगी है। सांसद से लेकर विधायक तक भले ही खुद मैदान में न हो, लेकिन किसी की बहन तो किसी की मां चुनाव के मैदान में हैं। नाम भले ही इन करीबी रिश्तेदारों का हो, लेकिन वोट देते वक्त मतदाता के जेहन में तस्वीर इन दिग्गजों की ही होगी।
शुक्रवार को मल्लावां, माधौगंज, बिलग्राम, सांडी और हरपालपुर विकास खंड के अंतर्गत आने वाली क्षेत्र पंचायत सदस्य की 426 सीटों पर मतदान होना है। इन क्षेत्रों में आने वाली जिला पंचायत सदस्य की 17 सीटों के लिए भी वोट डाले जाएंगे। पंचायत चुनाव में कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। मिश्रिख संसदीय क्षेत्र से भाजपा की सांसद अंजू बाला की दो बहनें चुनाव मैदान में हैं। मल्लावां विकास खंड की दारुकुइयां सीट से शबनम अत्री और तेजीपुर सीट से बेबी अत्री क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ रही हैं। मैदान में भले ही दो बहनें हैं, लेकिन प्रतिष्ठा तीसरी बहन की लगी हुई है।
मल्लावां-बिलग्राम विधानसभा क्षेत्र से बहुजन समाज पार्टी के विधायक ब्रजेश वर्मा की मां राजपति भी चुनाव मैदान में हैं। वे पुरवावां से क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ रही हैं। तीनों ही प्रत्याशियों के निशाने पर मल्लावां के ब्लाक प्रमुख की कुर्सी है। उक्त तीनों प्रत्याशियों में शबनम मौजूदा समय में मल्लावां की ब्लाक प्रमुख भी हैं। उनसे पहले सांसद अंजू बाला ब्लाक प्रमुख थीं। सांसद निर्वाचित हो जाने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था और उपचुनाव हुआ था।
उधर दूसरी ओर कई अन्य दिग्गजों की प्रतिष्ठा भी चुनाव में लगी है। समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव राजेश यादव की पत्नी ममता यादव मल्लावां प्रथम से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ रही हैं। समाजवादी पार्टी के जिला महासचिव वीरे यादव की पत्नी अनीता यादव सांडी द्वितीय से जिला पंचायत सदस्य के लिए भाग्य आजमा रही हैं। बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष राम प्रताप यादव की पत्नी निर्मला भी हरपालपुर द्वितीय से भाग्य आजमा रही हैं।
भाजपा के जिला उपाध्यक्ष रामचंद्र राजपूत की पत्नी जयदेवी हरपालपुर प्रथम से चुनाव मैदान में हैं तो भाजपा के एक और वरिष्ठ नेता श्रीकृष्ण गुप्ता के पुत्र रीतेश कुमार भी जिला पंचायत सदस्य के लिए भाग्य आजमा रहे हैं। इनमें से किसकी साख मतदाता बचाएंगे और किसकी नाव डुबो देंगे, यह एक नवंबर को मतगणना के दौरान ही पता चलेगा।