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गतिरोध टूटा, बहिष्कार खत्म, सात तक बिकेंगे टेंडर

हरदोई, जागरण संवाददाता : टेंडर प्रक्रिया को लेकर ठेकेदारों और लोक निर्माण विभाग के अभियंताओं के बीच

By Edited By: Published: Fri, 04 Sep 2015 01:25 AM (IST)Updated: Fri, 04 Sep 2015 01:25 AM (IST)
गतिरोध टूटा, बहिष्कार खत्म, सात तक बिकेंगे टेंडर

हरदोई, जागरण संवाददाता : टेंडर प्रक्रिया को लेकर ठेकेदारों और लोक निर्माण विभाग के अभियंताओं के बीच चल रहा गतिरोध गुरुवार को खत्म हो गया। हरदोई कांट्रेक्टर्स एसोसिएशन और लोक निर्माण विभाग के नोडल अधिकारी के बीच हुई वार्ता के बाद निविदाओं की बिक्री सात सितंबर तक किए जाने का निर्णय लिया गया। ठेकेदारों ने टेंडर प्रक्रिया का बहिष्कार न किए जाने का आश्वासन भी अभियंताओं को दिया।

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लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड, निर्माण खंड एक और दो में कुल मिला कर 13 करोड़ रुपये के 75 कार्यों की निविदाएं आमंत्रित की गई थीं। हरदोई कांट्रेक्टर्स एसोसिएशन के बैनर तले ठेकेदारों ने निविदा प्रक्रिया का बहिष्कार कर दिया था। एसोसिएशन के उपाध्यक्ष विजय बहादुर ¨सह का कहना था कि कार्यों की जो लागत लिखी गई है उसमें तारकोल का मूल्य शामिल किया गया है, जबकि तारकोल विभाग से उपलब्ध कराया जाता है। इसके अलावा कोषाध्यक्ष अतुल टंडन का कहना था कि जिन कार्यों के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई, उनकी वित्तीय स्वीकृतियां विभाग के पास नहीं हैं। बहिष्कार के एलान के बाद तीन सितंबर तक निविदाएं बेचे जाने का निर्णय अभियंताओं ने लिया था। इस पर गुरुवार को एसोसिएशन के अध्यक्ष हरगो¨वद सेठी के नेतृत्व में ठेकेदारों ने विभाग के नोडल अधिकारी और प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता वीके श्रीवास्तव से मुलाकात की। सौहार्द पूर्ण माहौल में हुई बातचीत के दौरान एसोसिएशन की ओर से उठाए गए मुद्दों का ¨बदुवार जवाब मिलने पर ठेकेदार भी संतुष्ट हो गए। श्री सेठी ने बताया कि निविदाओं की बिक्री की तारीख सात सितंबर तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा आठ सितंबर को निविदा डाले जाने और नौ सितंबर को खोले जाने का निर्णय भी सर्वसम्मति से किए जाने की जानकारी भी श्री सेठी ने दी।

अफसरों के जवाब से नहीं बचा था कोई रास्ता : एसोसिएशन और नोडल अधिकारी के बीच हुई वार्ता के बाद बहिष्कार खत्म करने के अलावा कोई रास्ता ठेकेदारों के पास नहीं बचा था। दरअसल जिन ¨बदुओं को लेकर ठेकेदार बड़ी-बड़ी बातें कर रहे थे, उनसे जुड़ा एक-एक सरकुलर नोडल अधिकारी ने सबके सामने रख दिया। इसके बाद गतिरोध खत्म करने के अलावा कोई सम्मानजनक रास्ता ठेकेदारों के पास था ही नहीं।

सता रहा था एकजुटता टूटने का डर : बहिष्कार खत्म होने की एक बड़ी वजह ठेकेदारों की एकजुटता टूटने का डर भी थी। लगभग आठ वर्ष के अंतराल के बाद ठेकेदार मजबूती से एकजुट हुए थे। बुधवार की रात से ही कुछ ठेकेदारों द्वारा अलग खिचड़ी पकाए जाने की जानकारी एसोसिएशन के जिम्मेदारों को मिल गई थी। यही कारण रहा कि गुरुवार को बहिष्कार खत्म करने का निर्णय ले लिया गया।


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