स्वच्छ भारत मिशन में बजट का ब्रेक
हरदोई, जागरण संवाददाता : एक ओर भारत को खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिए स्वच्छ भारत मिशन चलाया जा
हरदोई, जागरण संवाददाता : एक ओर भारत को खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिए स्वच्छ भारत मिशन चलाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर समग्र ग्रामों तक में शौचालय निर्माण के लिए विभाग के पास धन उपलब्ध नहीं है। चालू वित्तीय वर्ष के लिए अभी 34 गांवों को ही डा. राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना के अंतर्गत चयनित किया गया है, लेकिन इन गांवों को भी खुले में शौच से मुक्त कराने के लिए शौचालय निर्माण को धन का अभाव है। बीते वर्ष दो अक्तूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन का ऐलान किया था। इसी क्रम में अगले पांच वर्ष में देश को खुले में शौच से मुक्त बनाने का संकल्प लिया गया था। मिशन महत्वपूर्ण था, इसलिए लगा कि कोई हीलाहवाली नहीं होगी और बजट भी भरपूर मिलेगा। अफसोस कि ऐसा नहीं हो सका। मिशन के अंतर्गत प्रत्येक शौचालय के निर्माण कार्य पर 12 हजार रुपये खर्च किए जाने का प्रावधान है। चालू वित्तीय वर्ष में फिलहाल 34 समग्र ग्राम हैं। पंचायत राज विभाग ने जब इन समग्र ग्रामों का सर्वे कराया तो पता चला कि 7,973 परिवारों में शौचालय नहीं हैं। इन सभी परिवारों को चालू वित्तीय वर्ष में ही शौचालय से संतृप्त किया जाना है। इस लिहाज से नौ करोड़ 56 लाख 76 हजार रुपये के बजट की जरूरत है। इसके सापेक्ष अभी तक विभाग के पास सिर्फ दो करोड़ रुपये ही हैं। जाहिर सी बात है कि जब बजट ही नहीं है तो भला शौचालय निर्माण कैसे होगा। शौचालय का निर्माण न होने से स्वच्छ भारत मिशन की गति मंद पड़ चुकी है।
उधर, जिला पंचायत राज अधिकारी भास्कर दत्त पांडेय ने बताया कि फिलहाल समग्र ग्रामों में शौचालय निर्माण के लिए आवश्यकता के मुताबिक धन उपलब्ध नहीं है।