फसल की बर्बादी ने फिर ली दो किसानों की जान
सांडी-मल्लावां, संवाद सूत्र : फसल की बर्बादी से किसानों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है
सांडी-मल्लावां, संवाद सूत्र : फसल की बर्बादी से किसानों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। सांडी थाना क्षेत्र में जहर खाने वाले किसान की मौत हो गई। तो मल्लावां क्षेत्र में किसान की दिल का दौरा पड़ने से जान चली गई। हालांकि यह अलग बात है कि प्रशासनिक स्तर से इसकी पुष्टि नहीं की जा रही है।
सांडी थाना क्षेत्र के ग्राम मसूदपुर निवासी भैया लाल (55) पुत्र नरपति के पास तीन बीघा खुद का खेत है। उन्होंने 30 बीघा खेत ग्राम मुरौली कठरियान निवासी विनोद कुमार, अशोक कुमार व सतीश कुमार से बटाई पर ली थी। फसल अच्छी हुई भी थी पर मौसम की मार से बर्बाद हो गई। परिजनों ने बताया कि शुक्रवार सुबह खेत में लगी गेहूं की लांक की गहाई कराने गए थे वहीं गहाई कराते समय अनुमान से काफी कम गेहूं निकलते देख गश खाकर गिर गए थे। आनन फानन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां पर चिकित्सकों ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। जहां से उन्हें ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया, शनिवार की शाम ट्रामा सेंटर में ही इलाज दौरान उनकी मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि उन्होंने एजीबी दुर्गागंज में 25 हजार का कर्ज भी है तथा 30 बीघा डिलाही पर लिए गए खेत पर 60 क्विंटल डिलाही का देना तय बताया गया इसी सदमे में मौत हो गई। हल्का लेखपाल जगदीश ने गांव आकर मृतक के परिजनों से पूछताछ कर मौके की हकीकत जानी।
वहीं, मल्लावां कोतवाली क्षेत्र के ग्राम मुचुआपुर निवासी बालकराम (55) पुत्र गया प्रसाद के पास एक बीघा खेत अपना व चार बीघा खेत बटाई पर बो रखा था। शुक्रवार रात आठ बजे वह खेतों से गेहूं की मढ़ाई लौटे तो देखा फसल का उत्पादन बहुत ही कम हुआ है। गेहूं रख कर कुछ सोचने लगे और अचानक गिर पड़े। परिजन उन्हें उठाते तब तक उनकी मौत हो गई। मौत की सूचना लगते ही परिजनों में कोहराम मच गया। बालकराम का परिवार खेती पर ही निर्भर था। इस बार चार बीघा खेत कर्जा लेकर बोया था। फसल खराब होने की चिंता सता रही थी और कर्ज कैसे देते। इसी सदमे में उनकी मौत हो गई। मृतक के पांच बच्चे, जिनमें तीन लड़के दो लड़कियां हैं। मौत की सूचना परिजनों ने कोतवाली व राजस्व कर्मियों को दे दी।