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'शक्ति' परेशान महिलाओं का दूर करेगी 'दर्द'

पंकज मिश्रा, हरदोई: सरकार महिलाओं को समस्याओं से लड़ने की शक्ति देगी। अब उन्हें अपनी परेशानी लेकर दर

By Edited By: Published: Sun, 25 Jan 2015 01:05 AM (IST)Updated: Sun, 25 Jan 2015 01:05 AM (IST)
'शक्ति' परेशान महिलाओं का दूर करेगी 'दर्द'

पंकज मिश्रा, हरदोई: सरकार महिलाओं को समस्याओं से लड़ने की शक्ति देगी। अब उन्हें अपनी परेशानी लेकर दर दर भटकना नहीं पड़ेगा। महिलाओं की समस्या सुनकर निपटाने के लिए समाधान दिवस की तर्ज पर थानों पर 'शक्ति विशेष सुनवाई दिवस' आयोजित किए जाएंगे। शिविर में महिलाओं को सम्मान पूर्वक बुलाकर पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में उनकी समस्या समाधान कराया जाएगा। कानपुर जिले की इस सफल को पूरे प्रदेश में लागू करने के लिए मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को पत्र जारी किया है।

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समाज में महिलाओं के साथ दहेज, उत्पीड़न, घरेलू हिंसा और यौन उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ रही हैं। एक तरफ अपराध बढ़ रहा है तो दूसरी तरफ पीड़ित की सुनवाई न होने की बात भी सामने आती है। बढ़ते हुए अपराध पर अंकुश लगाने तथा छोटे मोटे पारिवारिक विवादों को सुलझाने के लिए अब समाधान दिवस की तर्ज पर थाना स्तर पर शक्ति विशेष सुनवाई दिवस आयोजित किए जाएंगे। कानपुर जिलाधिकारी ने इसकी पूर्व में शुरुआत की थी और 408 शिकायतों का निस्तारण कराया तो अब इस पहल को पूरे प्रदेश में लागू किया जा रहा है। मुख्य सचिव आलोक रंजन ने प्रदेश के सभी जिले में शक्ति विशेष सुनवाई दिवस का आयोजन कराने के लिए जिलाधिकारियों व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को पत्र जारी किए हैं। समाधान दिवस की तर्ज पर पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न, भूमि विवाद आदि समस्याओं से परेशान महिलाओं को थानों पर बुलाकर उनकी समस्या निराकरण किया जाएगा। थाना, कोतवाली और उप जिलाधिकारियों के पास शक्ति विशेष सुनवाई दिवस की मोहर रखी जाएंगी। अधिकारियों के जनता दरबार या फिर तहसील, समाधान दिवस में जो महिलाओं की शिकायतें आएंगी उन्हें भी विशेष सुनवाई दिवस में रखा जाएगा। इस विशेष सुनवाई दिवस के लिए हर थाने पर उपजिलाधिकारी, तहसीलदार, नगर मजिस्ट्रेट, क्षेत्राधिकारी आदि को अलग अलग जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों में थानों पर और जिला मुख्यालय पर पुलिस लाइन में इसका आयोजन होगा। सचिव श्री रंजन के फरमान में बताया गया कि अमूमन महिलाओं की तीन तरह की शिकायतें महिला अपराध, पारिवारिक विवाद व जमीन विवाद की समस्याएं आती है। इन शिकायतों के लिए अलग अलग काउंटर बनाकर रजिस्टरों में समस्याओं को दर्ज कर निस्तारण के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों को जिम्मेदारी सौंपी भी जाएगी। जिन शिकायतों का मौके पर ही निस्तारण संभव होगा अधिकारी मौके पर जाकर उन्हें निस्तारित करेंगे और सुलह समझौता के आधार पर निपटाई जाने वाली शिकायतों का थानों पर अलग से रजिस्टर बनाया जाएगा। जिलाधिकारियों व एसएसपी को जिलों में आयोजन की कार्ययोजना बनाने का आदेश दिया है। मुख्य सचिव के इस आदेश के परिपालन में पुलिस उपमहानिरीक्षक लखनऊ परिक्षेत्र आरके चतुर्वेदी ने परिक्षेत्र के लखनऊ के साथ ही हरदोई, खीरी, रायबरेली, सीतापुर व उन्नाव के पुलिस अधीक्षकों को पत्र जारी किया है। जिलाधिकारी रमेश मिश्रा ने बताया कि शासन के फरमान पर जिले में व्यवस्था लागू की जा रही है।

प्रधानों व लेखपालों से भिजवाया जाएगा आमंत्रण

परेशान महिलाओं की स्थानीय प्रतिनिधियों को जानकारी रहती है। प्रधान व लेखपालों को समस्याग्रस्त महिलाओं को इस खास शक्ति विशेष सुनवाई दिवस की खबर पहुंचाने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। थानाध्यक्ष प्रधान, लेखपाल ही नहीं चौकीदार व अन्य माध्यमों से अधिक से अधिक लोगों तक यह संदेश पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

'साहब' की गाड़ी से थाने आएंगी महिलाएं

परेशान महिला को थाने आने जाने में भी दिक्कत नहीं होगी। समस्या निस्तारण के लिए अधिकारियों के अलावा हर थाने पर दो दो जिला स्तरीय अधिकारियों को भी भेजा जाएगा। यह अधिकारी अपने सरकारी वाहनों से गांवों में चिन्हित परेशान महिलाओं को शक्ति विशेष सुनवाई दिवस के लिए थाने तक लेकर आएंगे और फिर उसकी समस्या निराकरण की उचित कार्रवाई के बाद उन्हें घर तक छोड़ने का इंतजाम करेंगे।


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