पटाखों के हवाले होगी ट्रेनों की रफ्तार
हरदोई, जागरण संवाददाता : सर्दी में पड़ने वाले कोहरे का असर ट्रेनों की रफ्तार पर न हो इसके लिए रेल विभ
हरदोई, जागरण संवाददाता : सर्दी में पड़ने वाले कोहरे का असर ट्रेनों की रफ्तार पर न हो इसके लिए रेल विभाग अभी से गंभीर हो गया है। हमेशा की तरह ही एक बार फिर कोहरे से निपटने के लिए रेलवे को पटाखा सिस्टम के भरोसे ही रहना होगा। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है।
सर्दी के मौसम में कोहरे का असर ट्रेनों के संचालन पर पड़ता है। ट्रेनों की रफ्तार धीमी हो जाती है और इसके कारण ट्रेनों की लेटलतीफी का सिलसिला भी शुरू हो जाता है। यूं तो विभाग की ओर से कोहरे से निपटने के मुकम्मल इंतजाम होने का दावा हर साल किया जाता है, लेकिन इसकी हकीकत कुछ और ही होती है। हर वर्ष की तरह इस साल भी कोहरे से निपटने के लिए रेलवे को पटाखा सिस्टम पर ही भरोसा करना पड़ेगा। ट्रेनों के संचालन में अहम भूमिका निभाने वाले एक अधिकारी नाम न छापने की शर्त पर कहते हैं कि फिलहाल तो पटाखा सिस्टम के लिए दो हजार पटाखे डीआरएम कार्यालय से उपलब्ध करा दिए गए हैं और शीघ्र ही तीन हजार पटाखे उपलब्ध कराए जाएंगे। इन पटाखों को पटरियों पर लगाने के लिए सभी स्टेशनों पर इंजीनियरिंग सेक्शन की ओर से दो-दो कर्मचारियों की तैनाती भी कर दी गई है। स्टेशन अधीक्षक रामरतन ने बताया कि स्टेशनों पर तैनात किए गए कर्मचारियों की सूची मिल गई है। ड्यूटी पर रहने वाले स्टेशन मास्टर आवश्यकता पड़ने पर इन कर्मचारियों को पटाखा लगाने के लिए निर्देशित कर सकेंगे।
कुछ यूं काम करता है पटाखा सिस्टम : पटाखा सिस्टम रेलवे में पिछले कई दशक से चल रहा है। ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी धुंध और कोहरा होने पर स्टेशन मास्टर के निर्देश पर पटरी पर पटाखा बांध देते हैं। इंजन जैसे ही पटाखा पर चढ़ता है वैसे ही यह दग जाता है। पटाखे से ठीक 180 मीटर की दूरी पर सिग्नल होता है। पटाखा दगने पर ट्रेन चालक सतर्क हो जाता है और सिग्नल देख कर ही आगे बढ़ता है।