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ईट भट्ठों के लिए पृथक खनन नीति बनाई जाए

By Edited By: Published: Sun, 31 Aug 2014 06:00 PM (IST)Updated: Sun, 31 Aug 2014 06:00 PM (IST)
ईट भट्ठों के लिए पृथक खनन नीति बनाई जाए

हरदोई, जागरण संवाददाता : ईट भंट्ठों के लिए अलग से खनन नीति बनाए जाने का मामला उठाया गया है। खनन नीति को सीमेंट व्यवसाइयों के इशारे पर ईंट भट्ठा व्यवसाय को चौपट करने की साजिश बताया गया है। ईट निर्माता कल्याण समिति के प्रदेश महामंत्री प्रमोद चौधरी व प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश अग्रवाल ने प्रथक खनन नीति की मांग करते हुए कहा कि जल्द ही इस समस्या को मुख्यमंत्री तक पहुंचाया भी जाएगा।

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जिला पंचायत सभागार में रविवार को महामंत्री श्री चौधरी व उपाध्यक्ष श्री अग्रवाल ने पत्रकारों को बताया कि सीमेंट व्यवसाइयों के इशारे पर ईट भट्ठों के खिलाफ साजिश चल रही है। इसके पीछे उद्देश्य है कि यह व्यवसाय चौपट हो जाए और सीमेंट की ईटों का एकछत्र राज्य हो। उन्होंने बताया कि प्रदेश में लगभग 17 सौ ईट भट्ठा हैं। इसके माध्यम से 50 हजार परिवार को रोजगार मिल रहा है। दूसरी तरफ सीमेंट की ईट महंगी है। इसके साथ ही लाइफ भी काफी कम है। आम आदमी तो इसके द्वारा मकान निर्माण करा ही नहीं सकता है। ईट के द्वारा होने वाले निर्माण में बालू-सीमेंट कम लगता है। इन लोगों ने मांग की कि गांव गलियारे में लगने वाले खडंजा के स्थान पर इंटरलाकिंग लगाई जा रही है तो कीमती भी है। इसी के साथ इसका जीवन भी कम होता है। उन्होंने मांग की कि गांव-गलियारे व गलियों में खड़ंजा ईट का बिछाया जाना चाहिए। ईट भंट्ठा व्यवसाइयों की समस्या को लेकर जल्द ही एसोसिएशन प्रमुख सचिव व मुख्यमंत्री से भेंट कर निस्तारण कराने की कोशिश करेगा।


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