अवैध संबंधों ने उजाड़ दिया कुनबा
हरदोई, जागरण संवाददाता : पत्नी की हत्या करने वाले रामचंद्र के फांसी लगा कर जान देने के बाद उसके पांच बच्चे अनाथ से हो गए हैं। इन बच्चों की देखरेख की जिम्मेदारी मृतक की बूढ़ी मां पर आ पड़ी है। रामचंद्र की मौत की जानकारी शनिवार दोपहर बाद मिलने पर परिजनों में भी कोहराम मच गया।
रामचंद्र अपनी पत्नी रमाकांती और पांच बच्चों के साथ पंजाब के अंबाला में रहता था। वहीं मजदूरी कर अपना और अपने परिवार का पालन पोषण आराम से कर रहा था। वहीं रमाकांती की आंखें साथ में ही काम करने वाले सूरज से चार हो गई तो दोनों के बीच अवैध संबंध हो गए। इसकी जानकारी रामचंद्र को मिली तो उसने एतराज किया, लेकिन रमाकांती ने सूरज के साथ संबंध खत्म नहीं किए। बीती 22 अगस्त की सुबह रामचंद्र अपनी पत्नी और बच्चों के साथ गांव हैबतपुर आ गया। यहीं दोपहर में उसने अपनी पत्नी की गर्दन बांके से काट कर हत्या कर दी। 23 अगस्त को उसे जेल भेज दिया गया। उसके पांच बच्चे रागिनी, वीरेश, नीलम, सुहासिनी और नंदनी के सिर से मां का साया उठा तो पिता जेल चला गया। ऐसे में रामचंद्र के बड़े भाई रामसच्चे के साथ रहने वाली उनकी बूढ़ी मां ने पालन पोषण शुरू किया। एक सप्ताह ही बीता था कि शनिवार को रामचंद्र ने भी आत्महत्या कर ली। इसके चलते बच्चे अनाथ हो गए तो दूसरी ओर बूढ़ी काया पर बच्चों को पालने का बोझ भी बढ़ गया।
न जाता अंबाला न होता बवाल : परिजन खुल कर कुछ बोलने को तैयार नहीं। चार भाइयों में रामचंद्र दूसरे नंबर का था। बाकी तीन भाई यहीं रह कर मजदूरी कर अपना पेट पालते थे। अब दबीजुबान से सब यही कह रहे हैं कि न जाने कौन सी घड़ी में दो साल पहले रामचंद्र अंबाला चला गया। न अंबाला जाता, न रमाकांती के अवैध संबंध सूरज से होते और न ही पूरा बवाल होता, लेकिन किस्मत के लिखे को भला कौन टालता।