एसओ ने कुर्सी न छोड़ी तो धरने पर बैठे सांसद
पिहानी (हरदोई) संवाद सूत्र :
शनिवार शाम हरदोई सांसद और हरियावां थानाध्यक्ष के बीच मामूली बात पर विवाद हो गया। सांसद के थाने पहुंचने पर एसओ के कुर्सी नहीं छोड़ने से नाराज भाजपाई थाना परिसर में ही धरने पर बैठ गए। थानाध्यक्ष को हटाने की मांग पर अड़े सांसद और भाजपाई एक भी सुनने को तैयार नहीं थे। करीब तीन घंटे बाद एएसपी पश्चिमी ने मामले की जांच करा कार्रवाई का भरोसा सांसद को दिया। इस पर सांसद ने चेतावनी दी कि यदि रविवार 11 बजे तक कार्रवाई न हुई तो जिले भर में चक्का जाम कर दिया जाएगा।
हरदोई सदर से भाजपा सांसद अंशुल वर्मा पिहानी में कई कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद शाम को वापस हरदोई जा रहे थे। रास्ते में हरियावां थाने के बाहर उन्होंने अपना वाहन रुकवा दिया और एसओ राकेश गुप्ता को इशारे से बुलाया। एसओ ने ने खुद न जाकर पहरे पर तैनात होमगार्ड को भेज दिया, जिस पर सांसद का गनर उतर कर एसओ के पास जाने लगा, लेकिन इसी बीच सांसद और उनके समर्थक थाने में घुस गए। सांसद का आरोप है कि उन्होंने एसओ को अपना परिचय दिया, लेकिन एसओ अपनी कुर्सी पर बैठे रहे। इस पर सांसद और उनके साथ मौजूद पूर्व जिलाध्यक्ष रामबहादुर सिंह, जिला उपाध्यक्ष अजीत सिंह बब्बन, अनुराग मिश्रा आदि कार्यकर्ता नाराज हो गए। बताया जाता है कि इसी को लेकर सांसद-भाजपाइयों और एसओ के बीच तकरार हुई। सांसद के मुताबिक उनके और पार्टी नेताओं के साथ थाने में धक्कामुक्की की गई, वहीं एसओ ने धक्कामुक्की इससे इन्कार किया।
मामले की जानकारी मिलते ही सीओ सिटी प्रेम कुमार मिश्रा और पिहानी के प्रभारी निरीक्षक विजयकांत मिश्रा हरियावां थाने पहुंच गए। सीओ ने सांसद को समझाने का प्रयास किया और कहा कि जो भी बात है वे लिख कर दे दें। पूरी जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। इस पर सांसद ने पूरी बात लिख कर तो दे दी, लेकिन थाने से जाने से इन्कार कर दिया। इसके बाद एएसपी पश्चिमी दिनेश त्रिपाठी मौके पर पहुंचे और उन्होंने सांसद को पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराने को लेकर आश्वस्त किया। अंतत: तय किया गया कि शनिवार रात ही इस मामले पर जांच रिपोर्ट तैयार कर ली जाएगी और आवश्यकता पड़ने पर कार्यवाई की जाएगी। उधर दूसरी ओर सांसद अंशुल वर्मा ने कहा कि अगर रविवार दिन में 11 बजे तक एसओ के विरुद्ध कार्रवाई नहीं हुई तो चक्का जाम किया जाएगा।
एकत्र होने लगी थी कार्यकर्ताओं की भीड़ : सांसद से अभद्रता की बात पूरे जिले में आग की तरह फैल गई। इसकी जानकारी मिलते ही पिहानी, हरियावां और हरदोई से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता हरियावां थाने पहुंच गए। भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव रंजन मिश्र भी जिला उपाध्यक्ष अखिलेश पाठक के साथ हरियावां थाने में सांसद के हटने तक मौजूद रहे।
सांसद बोले पत्र फाड़ कर फेंका था : सांसद अंशुल वर्मा का आरोप है कि शुक्रवार को उन्होंने सावित्री देवी नाम की महिला को पत्र लिख कर थाने भेजा था। उन्होंने बताया कि थानाध्यक्ष ने पत्र फाड़ कर फेंक दिया, वहीं थानाध्यक्ष राकेश गुप्ता का कहना है कि उनके पास कोई भी पत्र लेकर आया ही नहीं।
प्रोटोकाल पर बिगड़ा मामला : थाने में मौजूद लोगों की मानें तो प्रोटोकाल को लेकर पूरा मामला बिगड़ गया। सांसद का कहना था कि थाने में पहुंचने पर एसओ को कुर्सी छोड़ कर उनकी अगवानी करनी चाहिए थी, क्योंकि यह प्रोटोकाल में है। उनका आरोप है कि सत्ता के सहारे थानाध्यक्ष नौकरी कर रहे हैं और इसीलिए सांसद को सम्मान देने का प्रोटोकाल भी भूल गए।