विद्युत कटौती के विरोध में संडीला में अभूतपूर्व बंदी
संडीला, संवाद सहयोगी : नगर में ग्रामीण क्षेत्र की बिजली देने और शहरी क्षेत्र की बिलिंग लेने के विरोध में अभूतपूर्व बंदी रही। विद्युत कटौती से त्रस्त लोगों ने व्यापार मंडल के बंद को स्वेच्छा से समर्थन दिया। सब्जी मंडी, गल्ला मंडी, मिठाई, पान, चाय दवा की दुकान से लेकर ठेले, खोमचे वाले भी बंदी में शामिल रहे। ऐसी अभूतपूर्व बंदी पहली बार हुई, लेकिन विद्युत आपूर्ति के नाम पर केवल झुनझुना थमाया गया।
नगर को मात्र मिल रही दो-चार घंटे की बिजली और व्यापार व बच्चों की पढ़ाई चौपट होने से उत्तर प्रदेश व्यापार प्रतिनिधि मंडल के आह्वान पर नगर में गुरुवार को अभूतपूर्व बंदी रही। सुबह से ही सब्जी मंडी, गल्ला मंडी, मिठाई, पान आदि की दुकानों के ताले नहीं खुले। यहां तक की ठेलें, खोमचे भी नहीं लगे। दूसरी ओर व्यापार मंडल के नगर अध्यक्ष प्रदीप जायसवाल के नेतृत्व में पदाधिकारियों व दुकानदारों ने नगर पालिका के बाहर धरना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे धरनास्थल पर भीड़ बढ़ती गई। इसके बाद व्यापारी इमलियाबाग चौराहे पर एकत्र हुए और एक बड़ा जुलूस नगर के मुख्य मार्ग पर निकाला गया, जिसमें सरकार व विद्युत विभाग के खिलाफ नारे लगाए जा रहे थे। यह जुलूस वापस धरनास्थल पर पहुंच कर सभा में बदल गया। इस मौके पर व्यापारी नेता सचिन विश्वकर्मा, महेश चंद्र गुप्ता, गौरव गुप्ता, मोनू गुप्ता, महेंद्र नगीना और अतुल गुप्ता ने संबोधित किया। दोपहर ढाई बजे उप जिलाधिकारी गिरीश चंद्र श्रीवास्तव, अधिशाषी अभियंता आरबी कटियार, क्षेत्राधिकारी चरन सिंह, कोतवाल डीपी सिंह, एसडीओ हर्षित श्रीवास्तव घटनास्थल पर पहुंचे, जहां व्यापार मंडल के नगर अध्यक्ष श्री जायसवाल ने शहरी क्षेत्र के मानक के अनुरूप 16 दिन आपूर्ति दिलाने, निर्धारित शेडयूल के अनुसार बिजली दिलाने, ग्रामीण क्षेत्र के हिसाब से बिलिंग करने की मांग की। इस पर एसडीओ श्री श्रीवास्तव ने कहा कि शासन द्वारा लागू किए गए शेड्यूल के अनुसार साढ़े पाच बजे से साढ़े ग्यारह बजे तक सप्लाई दी जा रही है। इसके अलावा जनता की मांगों को वह अपने उच्चाधिकारियों तक पहुंचाते रहे हैं और आज भी पहुंचाएंगे। अधिशाषी अभियंता श्री कटियार ने कहा कि तहसील क्षेत्र को अब अलग किया जा रहा है तथा एक-दो माह में वह लागू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि गुरुवार से औद्योगिक क्षेत्र में भी दोपहर 12 से चार के बीच चार घंटे की कटौती लागू कर दी गई है। इसके बाद मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन उपजिलाधिकारी को सौंपा गया। धरना प्रदर्शन व जुलूस शांतिपूर्ण रहा तथा कोतवाल सहित पुलिस बल बराबर गश्त करता रहा। कुछ उपद्रवी अशांत पैदा करने की कोशिश में लगे रहे, लेकिन सफल नहीं हुए।