गगरी छूंछी बैल पियासे, कारे मेघा पानी दे..
हरपालपुर, संवाद सूत्र : गगरी छूंछी बैल पियासे, कारे मेघा पानी दे, करिया डंडा पीले बांस हरे राम अब पानी दे। सूखे से मचे हाहाकार से निजात पाने के लिए अब ग्रामीणों ने टोटकों का सहारा लेना शुरू कर दिया है। इसके बावजूद भी इंद्र देवता का दिल पसीज नहीं रहा है।
भीषण सूखे के प्रकोप से जूझ रहे अन्नदाताओं को तसल्ली बंधाने के लिए छोटे-छोटे बच्चों ने लेदा मांगना शुरू कर दिया है। इंद्र देवता को प्रसन्न करने के लिए लेदा एक टोटका होता है। इस टोटके को पूरा करने के लिए छोटे-छोटे बच्चे गांव के प्रत्येक दरवाजे पर जाकर जमीन में लोटते हैं और एक व्यक्ति उनके ऊपर पानी डालता है और उक्त पंक्तियों को गाकर बच्चे प्रत्येक घर भीख के रूप में आटा लेते हैं, लेकिन कई टटके-टोटकों के बाद भी सूखे से जूझ रहे किसानों को राहत देने के लिए भगवान इंद्र का दिल पसीजता नहीं दिख रहा है।