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सीबीआई ने मांगा खर्च हुई धनराशि का ब्योरा

By Edited By: Published: Mon, 28 Jul 2014 01:00 AM (IST)Updated: Mon, 28 Jul 2014 01:00 AM (IST)
सीबीआई ने मांगा खर्च हुई धनराशि का ब्योरा

हरदोई, जागरण संवाददाता : मनरेगा में हुए घोटाले की आंच जिले तक पहुंच गई है। प्रदेश के आठ जिलों में हुए घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने जिले से भी तीन वित्तीय वर्ष का ब्योरा मांगा है। सीबीआई के धनराशि का ब्योरा मांगे जाने से खलबली मच गई है। आयुक्त ने इस संबंध में फरमान जारी किया है। जानकारों का कहना है कि अगर मामले की गहराई से जांच हो गई तो जिले के कई अधिकारियों की गर्दन फंस सकती है।

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महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में शुरूआती दौर में कराए गए कार्यो और खर्च की गई राशि को लेकर गंभीर आरोप लगे हैं। केंद्र के ग्रामीण विकास मंत्रालय ने प्रदेश के आठ जिलों में सीबीआई जांच बैठा दी है। केंद्रीय मंत्रालय के आदेश पर सीबीआई की ओर से इन जिलों में जांच शुरू करने के साथ ही अन्य जिलों से भी खर्च का ब्योरा मांगा है। वैसे जिला घोटाले की जांच वाले जिलों की सूची में शामिल नहीं है, लेकिन ग्राम्य विकास विभाग के आयुक्त के आदेश पर जिले में वित्तीय वर्ष 2007-08, वर्ष 2008-2009 और वर्ष 2009-2010 विकास खंड स्तर पर खर्च की गई राशि का ब्योरा जुटाया गया है। इन वर्षो में ही प्रदेश के अन्य जिलों में अधिक गड़बड़ियां मिल रहीं हैं। सीबीआई की ओर से खर्च का विवरण मांग लिए जाने से चर्चा है कि सीबीआई ने जिले में खर्च राशि की जांच की तो इन वर्षो में जिले में तैनात रहे कई अधिकारी कार्रवाई की जद में आ सकते हैं।

इन वर्षो में खूब बने आदर्श तालाब : मनरेगा की मद से इन वर्षो में जिले में तालाबों को काफी संख्या में आदर्श बनाया गया। तालाबों के किनारे पौधरोपण और झूला आदि डलवाए जाने पर खूब राशि खर्च की गई है।

मिट्टी का कार्य भी रहा चर्चा में : इन वर्षो में मनरेगा की मद से कच्चा कार्य कराया जाना चर्चा में रहा है। विश्वस्त सूत्रों की माने तो कच्चे कार्य का कार्य के तुरंत बाद ही सही-सही मूल्यांकन किया जा सकता है। इसके बाद बारिश, बाढ़ और दब जाने का बहाना इसके मूल्यांकन में बाधक बन जाता है।


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