जुटे गंगा प्रहरी, चमाचम किया राजघाट
हरदोई, जागरण संवाददाता : गंगा हमारी मां है। मां का आंचल मैला हो यह कोई बेटा नहीं चाहेगा। बात दिल में उतर गई तो गंगा प्रहरी गंगा के तट पर राजघाट पहुंच गए। दिन भर सफाई अभियान चला तो घाट भी चमक उठा। यह बात और है कि राजघाट पर पक्के घाट न होने का दर्द भी गंगा प्रहरियों को परेशान कर गया।
शनिवार सुबह से ही राजघाट पर गंगा प्रहरियों का पहुंचना शुरू हो गया था। नदी पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य करने वाले सरोज दीक्षित के आह्वान पर बिलग्राम तहसील के राजघाट पर गंगा प्रहरी एकत्र हुए तो घाट की दुर्दशा देख कर परेशान हो गए। पहुंचे तो गंगा के किनारे रुद्राभिषेक करने थे, लेकिन फिर जुट गए घाट की सफाई में। दिन भर कई किलोमीटर लंबे घाट की सफाई कर डाली। पालीथीन से लेकर पूजन सामग्री के अवशेष तक बोरों में भरे और तट से लगभग एक किलोमीटर दूर एक गड्ढा खुदवा कर उसी में दफन कर दिए। श्री दीक्षित ने कहा कि जल धाराएं प्राकृतिक धरोहर हैं। इनका संरक्षण करना आवश्यक है और हर भारतवासी का नैतिक कर्तव्य भी। यहां मौजूद वैद्य बाल शास्त्री, शिवकुमार शास्त्री, शशिकांत अवस्थी, रघुनंदन सिंह, संजय वर्मा आदि ने घाट की दुर्दशा के लिए बिलग्राम के उप जिलाधिकारी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि घाट बनवाने के लिए तहसील प्रशासन ने रुचि नहीं दिखाई। बाद में एक ज्ञापन भी गंगा प्रहरियों ने प्रधानमंत्री को भेजा।