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परिषदीय विद्यालयों से दूर होगी पेयजल की किल्लत

जागरण संवाददाता, हापुड़ परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को पानी की समस्या से निजा

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Aug 2017 03:03 AM (IST)Updated: Sat, 19 Aug 2017 03:03 AM (IST)
परिषदीय विद्यालयों से दूर होगी पेयजल की किल्लत
परिषदीय विद्यालयों से दूर होगी पेयजल की किल्लत

जागरण संवाददाता, हापुड़

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परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को पानी की समस्या से निजात मिलने वाली है। इसके लिए शासन अब गंभीर है। शासनादेश जारी कर निर्देशित किया गया है कि जो हैंडपंप खराब हैं, उनकी मरम्मत कराई जाए और जो रीबोर योग्य हैं, उन्हें तीन माह के अंदर रीबोर करा दिया जाए। इसके लिए सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी कर दिए गए हैं।

भीषण गर्मी बीत जाने के बाद अधिकारियों की कुंभकरणीय नींद अब जाकर टूटी है और परिषदीय विद्यालयों में पेयजल सुविधा के लिए खराब पड़े हैंडपंप ठीक कराने का आदेश जारी किया गया है। अधिकांश स्कूलों में हैंडपंप खराब होने के कारण बच्चे पेयजल को तरस रहे हैं। जिले में परिषदीय और सहायता प्राप्त करीब एक हजार विद्यालय संचालित हैं। परिषदीय प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में बच्चों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था के लिए साफ निर्देश हैं। इसके लिए ज्यादातर स्कूलों में इंडिया मार्क-2 के हैंडपंप भी लगवाए गए, लेकिन स्कूलों के ज्यादातर हैंडपंप या तो खराब हो गए या फिर रीबोर की बाट जोह रहे। अप्रैल से जब परिषदीय स्कूलों का नया शैक्षिक सत्र शुरू हुआ तो भी अधिकारियों को इसे दुरुस्त कराने की सुध नहीं आई। अब बेसिक शिक्षा विभाग ने हैंडपंपों की सूची तलब की है। यह हैंडपंप अभी तक इसलिए नहीं ठीक हो सके हैं क्योंकि विभाग के पास बजट का अभाव था।

परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में रिबोर योग्य हैंडपंप और दूसरी खराबी की जानकारी ग्राम पंचायत विभाग को देकर हैंडपंपों को सही कराया जाएगा। खराब हैंडपंपों को सही कराने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत अधिकारियों को दी गई है। ग्राम पंचायतों में सैकड़ों परिषदीय विद्यालयों के हैंडपंप या तो खराब पड़े हैं या उनमें से गंदा पानी निकल रहा है। ऐसे पंपों को दोबारा से रीबोर कराए जाने की आवश्यकता है, ताकि बालकों को स्वच्छ पानी मिल सके। इस बात की शिकायत के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ है। पानी पीने के लिए बच्चे गांव में इधर उधर जाते हैं। अगर नलों को रीबोर करा दिया जाए तो बच्चों को पेयजल की दिक्कत नहीं होगी।'

-खराब हैंडपंपों की सूची बना ली गई है। जिस पर जल्द ही काम शुरू हो जाएगा। ग्राम पंचायतों को इन हैंडपंपों को रीबोर और मरम्मत कराने की जिम्मेदारी दी गई है।

-देवेंद्र गुप्ता, बीएसए, हापुड़


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