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ध्यान अवस्था के लिए मौन व्रत आवश्यक

हापुड़ : मनुष्य का ज्ञान और स्वभाव का स्तर उसकी वाणी से पता चलता है। यह विचार ग्राम कस्तला क

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Aug 2017 09:10 PM (IST)Updated: Fri, 18 Aug 2017 09:10 PM (IST)
ध्यान अवस्था के लिए मौन व्रत आवश्यक
ध्यान अवस्था के लिए मौन व्रत आवश्यक

हापुड़ : मनुष्य का ज्ञान और स्वभाव का स्तर उसकी वाणी से पता चलता है। यह विचार ग्राम कस्तला कासमाबाद में आयोजित सत्संग में डा. विजय प्रकाश त्रिपाठी ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि कुशल वक्ता जनमानस को बदलते हैं और उसे अपने विचारों की अनुकूल धारा में बहा ले जाते हैं। अधिक बोलने से मानव की वाणी का प्रभाव कम हो जाता है। मौनकाल में विचारों की शक्ति सीमाबद्ध होती है। मौन व्रत से उपासना की शक्ति भी कई गुना बढ़ जाती है। वाणी की सिद्धि प्राप्त करने के लिए मौनव्रत का सहारा लेना चाहिए। ध्यान अवस्था के लिए मौन व्रत अनिवार्य है। इससे पूर्व जनक रसिक ने मधुर भजन सुनाकर श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया। सत्संग में चन्द किरन, सुभाष तोमर, सुरेश, मुकेश, रमेश, सुनील आदि उपस्थित रहे।


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