अधूरी तैयारियों से होगा डेंगू और स्वाइन फ्लू से मुकाबला
जागरण संवाददाता, हापुड़ स्वाइन फ्लू तो दूर की बात है, जिले में अभी तक डेंगू और चिकनगुनिया को लेकर
जागरण संवाददाता, हापुड़
स्वाइन फ्लू तो दूर की बात है, जिले में अभी तक डेंगू और चिकनगुनिया को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोई तैयारी नहीं की गई है। जबकि स्वाइन फ्लू की पीड़ित महिला मिलने के बाद लोगों में दहशत नजर आने लगी है। वही स्वाइन फ्लू, चिकनगुनिया और डेगूं से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग ने न तो टीकों की व्यवस्था की है और न ही अलग से वार्ड बनाने की व्यवस्था की है।
स्वाइन फ्लू का नाम सुनते ही लोग दहशत में आ जाते हैं। स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। पहले जहां सर्दी में स्वाइन फ्लू का प्रकोप होता था वही इस बार गर्मी और उमस के मौसम में स्वाइन फ्लू का वायरस लोगों को अपना शिकार बना रहा है। पिछले पांच साल में जिले में 6 मौत स्वाइन फ्लू से हो चुकी है। स्वाइन फ्लू क्योंकि एक दूसरे से फैलता है, इसलिए इससे बचाव के लिए अलग से वार्ड बनाया जाता है। अभी तक स्वास्थ्य विभाग ने अलग से कोई वार्ड नहीं बनाया है। ऐसे में अगर यह बीमारी शुरू हुई तो काफी परेशानियां पैदा करेंगी। इसकी सबसे खतरनाक बात यह है कि यह आसानी से फैलता है। यह बीमारी सूकर में पाए जाने वाले एचवनएनवन विषाणु के कारण फैलती है। बच्चों, गर्भवती महिलाओं और वृद्धों में इस बीमारी के पनपने का ज्यादा खतरा होता है। डेंगू और चिकनगुनिया को लेकर भी स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां आधी अधूरी है। सिर्फ दवा के सहारे लोगों का इलाज करने का दावा स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जा रहा है। मच्छरों की रोकथाम के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। ऐसे में अगर डेगूं या चिकनगुनिया ने अपने पांव पसारे तो पिछले साल की तरह इस बार भी सैकड़ों लोगों को इसका शिकार होना पड़ सकता है।
--चिकनगुनिया के लक्षण
शुरुआत में तेज बुखार, लगातार सिरदर्द, आंखों से पानी आना और थकान होना लक्षण है। इस बीमारी में भले बुखार उतर जाए, लेकिन थकान और सिरदर्द बना रहता है।अधिकांश रोगियों को जोड़ों में दर्द की शिकायत भी होती है। यह दर्द हफ्तों और महीनों के लिए बना रह सकता है।
--डेंगू के लक्षण
तेज बुखार, सिर दर्द, मतली आना, बदन दर्द और लाल चकत्ते होना डेंगू की पुष्टि करता है। डेंगू और चिकनगुनिया के बीच का अंतर जानने के लिए रोगी के खून की जांच जरूरी है।
-चिकनगुनिया और डेगूं से बचाव के लिए पूरे इंतजाम किए जा चुके हैं। चिकित्सकों की एक टीम बना दी गई है। फिलहाल क्षेत्र में इन बीमारियों का कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है। दवा का स्टाक भी पूरा मौजूद है। -डा. एके ¨सह, सीएमओ, हापुड़