जिले के 100 परिषदीय विद्यालय में बनेंगे पुस्तकालय
विशेष शर्मा, हापुड़ अब क्षेत्र के सरकारी स्कूलों के बच्चे भी स्कूल में कोर्स से अलग ज्ञानवर्धक प
विशेष शर्मा, हापुड़
अब क्षेत्र के सरकारी स्कूलों के बच्चे भी स्कूल में कोर्स से अलग ज्ञानवर्धक पुस्तकें पढ़ सकेंगे। बच्चों के ज्ञान को बढ़ाने के उद्देश्य से भारत पढ़े, भारत बढ़े योजना के तहत जिले के 100 स्कूलों में शीघ्र ही पुस्तकालय खोले जाएंगे। पुस्तकालय खोलने के लिए प्रत्येक विद्यालय को 16 हजार रुपये की धनराशि आवंटित कर दी गई है। पुस्तकालय में एनसीईआरटी द्वारा सुझाई गई पुस्तकों का संग्रह होगा।
स्कूलों के बच्चों को अब किताबों की कोई परेशानी नहीं होगी। इस पुस्तकालयों में न सिर्फ बच्चों के सिलेबस की किताबे होंगी बल्कि डिक्शनरी से लेकर विभिन्न प्रतियोगिताओं की किताबें भी बुक बैंक में संजोई जाएंगी। इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। इसे वर्तमान सत्र से ही लागू करने को कहा गया है। वर्तमान में शासन सरकारी स्कूलों में पढ़ऩे वाले बच्चों को नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकें प्रदान करता है। इन पुस्तकों के अलावा भी बच्चे ज्ञान की बातें पढ़ सकें, इसके लिए पुस्तकालय शुरू किए जा रहे हैं। पुस्तकालय में विज्ञान, अंग्रेजी विषय, महापुरुषों की जीवनी, मनोरंजन के लिए किस्से-कहानियों की पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएंगी। विभाग ने 100 स्कूलों को निर्देश दिया है कि वह स्कूलों में एक बुक बैंक बनाएं, जिसे पुस्तकालय की शक्ल दे सकते हैं। इसमें हर साल पास होने वाले बच्चों से किताबें लेकर भी रखी जाएगी। शासन से जारी की गई 16 हजार रुपये की धनराशि से एक सेफ के अलावा एनसीईआरटी से निर्देशित पुस्तकों को शामिल किया जाएगा।
-गणित व भाषा पढ़ाने पर खास जोर
शासन की मंशा है कि परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बालक बालिकाओं की भाषा यानि ¨हदी और गणित विषय का बेहतर ज्ञान हो। इसके लिए सिलेबस से अलग दो पीरियड चलाकर बच्चों को इन दोनों विषयों का शिक्षण किया जाएगा। बाद में ब्लाक स्तर पर मेला लगाकर बालकों से प्रजेंटेशन लिया जाएगा। इतना ही नहीं उस स्कूल के ¨हदी और गणित विषय पढ़ाने वाले शिक्षक से भी अधिकारियों के सामने प्रजेंटेशन देनी होगी।
-एक विद्यालय में दो बार भेजी धनराशि
जिले के मोरपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय को गत वर्ष भी इस योजना के तहत धनराशि जारी कर दी गई थी और इस बार फिर से धनराशि भेज दी गई है। जबकि शासनादेश है कि जिस विद्यालय को पहले धनराशि दे दी गई है, उसे दोबारा शामिल नहीं किया जाएगा। हालांकि इस बात का पता चलने के बाद इस विद्यालय से 30 मई तक धनराशि वापस जमा कराने को कहा गया है।
-सभी 100 विद्यालयों में पुस्तकालय खोलने के लिए धनराशि जारी कर दी गई है। एक विद्यालय को गलती से धनराशि भेजी गई थी, उससे वापस मंगाई जा रही है।
-देवेंद्र गुप्ता, बीएसए, हापुड़