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जिले के 30 लोगों को ढूंढ रहा प्रवर्तन निदेशालय

गौरव शर्मा, हापुड़ : नोटबंदी के दौरान खातों में पांच सौ और हजार के करोड़ों रुपये जमा करने वाले लोगों न

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Mar 2017 01:08 AM (IST)Updated: Sun, 26 Mar 2017 01:08 AM (IST)
जिले के 30 लोगों को ढूंढ रहा प्रवर्तन निदेशालय
जिले के 30 लोगों को ढूंढ रहा प्रवर्तन निदेशालय

गौरव शर्मा, हापुड़ : नोटबंदी के दौरान खातों में पांच सौ और हजार के करोड़ों रुपये जमा करने वाले लोगों ने अपना पता फर्जी लिखवाया है। नोटबंदी के दौरान लाखों रुपये एकाएक जमा होने के बाद आयकर विभाग द्वारा भेजे गए नोटिसों के तहत जब इन पतों पर अधिकारी पहुंचे तो यह लोग गायब मिले। नोटिस रिसीव नहीं होने से परेशान आयकर विभाग के अफसरों ने इन लोगों का पता ढूंढकर कार्रवाई करने के लिए अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से पत्राचार किया है। जिले में ऐसे कुल तीस लोग हैं, जिन्हें अब प्रवर्तन निदेशालय ढूढ़ रहा है। अगर 31 मार्च तक इनका पता नहीं मिलता है, तो निदेशालय इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सकता है।

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बीते साल आठ नवंबर को केंद्र सरकार ने पांच सौ और हजार के पुराने नोट का चलन तत्काल प्रभाव से बाजार में बंद कर दिया था। इन नोटों के स्थान पर पांच सौ व दो हजार का नया नोट बाजार में उतारा गया था। नोटबंदी के दौरान जिले के कई धनाढ्य लोगों ने बैंकों में काली कमाई को जमा कराया था। नोटबंदी के दौरान खातों में लाखों-करोड़ों रुपये जमा होने के बाद आयकर विभाग ने बैंकों से ऐसे खातों की पूरी जानकारी तलब कर ली थी। इसके बाद पिछले दिनों जिले के 250 से अधिक लोगों को नोटिस भेजकर उनसे जवाब मांगे गए थे।

आयकर विभाग के सूत्रों की मानें तो जिले में करीब 30 लोग ऐसे मिले हैं, जिन्होंने अपना पता फर्जी लिखवाया है। इन लोगों को नोटिस रिसीव कराने के लिए जब आयकर विभाग के कर्मचारी उनके द्वारा बताए गए पते पर पहुंचे तो पता चला कि इस नाम का कोई शख्स यहां रहता ही नहीं हैँ। ऐसे में इन नोटिस को वापस कार्यालय में जमा करा दिया गया है। अगर 31 मार्च तक फर्जी नाम, पता लिखवाने वाले लोग आयकर विभाग को नहीं मिलते हैं तो इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय को भेज दी जाएगी। इसके बाद निदेशालय की ओर से टीम बनाकर इन लोगों को ढूंढकर उन पर कार्रवाई कराई जाएगी।

आयकर विभाग सूत्रों के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय को इस मामले की जल्द सौंपी जाएगी। फिलहाल यह मामला आयकर विभाग की इंवेस्टीगेशन ¨वग को भेज दिया गया है। 31 मार्च तक फर्जी पता देने वाले लोगों ने बैंकों में एक करोड़ से अधिक की धनराशि को जमा कराया है। इन नोटों के बारे में यदि सही जानकारी नहीं मिली तो प्रवर्तन निदेशालय इनको गिरफ्तार करने तक भी कार्रवाई कर सकता है।


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