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मासाहब घर में, बच्चों का भविष्य लटका अधर में

जितेंद्र शर्मा, पिलखुवा : प्रदेश सरकार प्राइमरी पाठशालाओं में सुधार करने के दावे करने में लगी हुई है

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Mar 2017 01:08 AM (IST)Updated: Sun, 26 Mar 2017 01:08 AM (IST)
मासाहब घर में, बच्चों का भविष्य लटका अधर में
मासाहब घर में, बच्चों का भविष्य लटका अधर में

जितेंद्र शर्मा, पिलखुवा : प्रदेश सरकार प्राइमरी पाठशालाओं में सुधार करने के दावे करने में लगी हुई है, लेकिन आज की पाठशालाओं से सरकार पूरी तरह से अज्ञान है। पाठशालाओं में स्वयं शिक्षक ही सरकार के मंसूबे को पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इसका जीता जागता उदाहरण प्राथमिक विद्यालय मीरापुर में देखने को मिला। पाठशाला में शिक्षक के बजाय बच्चे ही अन्य बच्चों को पढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। यही नहीं, शिक्षक पाठशाला में रहकर अपने घरेलू कार्य में लगे रहते हैं।

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सुबह करीब 11 बजे पाठशाला पहुंची जागरण टीम ने देखा कि पाठशाला में न तो शिक्षक उपस्थित था और न ही प्रधानाध्यापक थे। मौके पर केवल एक बच्चा ही बच्चों को पढ़ाता मिला। जब उससे पूछा गया तो बताया कि उनके शिक्षक किसी कार्य की बात कहकर अपने घर गए हैं। इसके बाद पाठशाला में फैली अव्यवस्था को जब टीम ने देखा तो वह भी अचंभित रह गई।

सीन- 1 : मिड डे मील बंटने के बाद बच्चे नल पर स्वयं ही बर्तनों को धोने का कार्य कर रहे हैं। बच्चों से पूछने पर पता चला कि भोजन मिलने के बाद वह ही प्रतिदिन शिक्षकों के कहने पर बर्तनों को धोने का कार्य करते है। ऐसे में सहजता से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बच्चों का भविष्य किस ओर जा रहा है।

सीन- 2 : कक्षा में पहुंचने के बाद एक अलग ही नजारा देखने को मिला। एक बच्चा शिक्षक वाली मेज के पास खड़ा होकर अन्य बच्चों को शोर न मचाने के लिए कह रहा है, लेकिन शिक्षक की अनुपस्थिति में बच्चे उसके कहने के बाद और ज्यादा शोर-शराबा करने लगते है।

सीन- 3 : एक ओर जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने प्रदेश भर के सरकारी कार्यालयों पर स्वच्छता अभियान चलवाया। वहीं, दूसरी ओर पाठशाला में बच्चों के लिए बना शौचालय के इस कदर हाल बुरा था कि सीट गंदी होने के कारण दुर्गध भरी हुई थी। जिस देखकर साफ पता चल रहा था कि कई महीनों से सीट की सफाई नही हुई है। सीन- 4 : पाठशाला की बाउंड्री वॉल पर बच्चे खड़े होकर एक दूसरे को नीचे गिरा रहे थे। ऐसे में बच्चों को चोट लगना मामूली सी बात है, लेकिन उस घटना का जिम्मेदार कौन होगा। यह हम सभी के लिए सोचने का विषय है।

कुल मिलाकर पाठशाला में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जा रही है। ऐसे में शिक्षकों पर कोई कार्रवाई हो ना हो लेकिन बच्चों का भविष्य गर्त की ओर जा रहा है। यह तय है।

मामला गंभीर है। जांच कराकर दोषी मिलने पर शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

देवेंद्र गुप्ता, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी


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