देर रात काम पर लौटे कर्मचारी
जागरण संवाददाता, हमीरपुर : जिलाधिकारी और कर्मचारियों के बीच तनातनी के मामले में मंडलायुक्त के कई बार
जागरण संवाददाता, हमीरपुर : जिलाधिकारी और कर्मचारियों के बीच तनातनी के मामले में मंडलायुक्त के कई बार समझाने के बावजूद जब कर्मचारी अपनी मांग से नहीं डिगे तो मंडलायुक्त ने घोषणा की कि जिलाधिकारी का चार्ज अपर जिलाधिकारी को दिया जाएगा। उसके बाद देर रात कर्मचारी काम पर लौटे। उसके बाद मंडलायुक्त और पुलिस उपमहानिरीक्षक की जान में जान आई। उधर अधिवक्ता जिलाधिकारी के पक्ष में लामबंद हो गए हैं।
बुधवार रात करीब 11 बजे तक मंडलायुक्त मुरली मनोहर लाल और पुलिस उपमहानिरीक्षक ज्ञानेश्वर तिवारी धरने पर बैठे कर्मचारियों को कई बार समझाने का प्रयास करते रहे, लेकिन चुनाव कराने की गरज को देखते कर्मचारी अपनी मांग पर अड़े रहे। इस दौरान रात में 11 बजे स्वयं जिलाधिकारी राजीव रौतेला धरना स्थल पर आए और कर्मचारियों से बात की। उन्होंने कहा कि वह उनके परिवार के सदस्य हैं। अधूरी चुनाव की तैयारियों को पूरा करने के लिए थोड़ा काम ज्यादा लिया जा रहा था, लेकिन उनके मन में किसी भी कर्मचारी के लिए कोई द्वेष नहीं है। उसके बावजूद कर्मचारी अपनी मांग पर अड़े रहे। कोई बात बनती न देख 11.20 बजे मंडलायुक्त मुरली मनोहर लाल ने कर्मचारियों को बताया कि जिलाधिकारी राजीव रौतेला का चार्ज अपर जिलाधिकारी डा. राजेश कुमार प्रजापति को दिया जा रहा है। उसके बाद भी कर्मचारी संशय की स्थिति में बने रहे। बाद में यह आदेश लिखित दिखाया गया, तब कर्मचारी काम पर लौटे। उसके बाद आलाधिकारियों ने राहत की सांस ली।
अधिवक्ता आए डीएम के पक्ष में
गुरुवार को जिलाधिकारी राजीव रौतेला के पक्ष में जिले के अधिवक्ता आ गए। उन्होंने जिलाधिकारी राजीव रौतेला तैनाती यथावत रखने की मांग करते हुए चुनाव आयोग को पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि राजीव रौतेला के आने के बाद जिले में विकास होने और भ्रष्टाचार व अकर्मण्यता से निजात पाने की आशा हुई थी। उनके आने के बाद शिक्षा-चिकित्सा व प्रशासनिक महकमे में काम होने लगे थे। कुछ लोगों ने षडयंत्र कर उनके खिलाफ साजिश की। इस कृत्य की ¨नदा की जाती है। अधिवक्ताओं ने राजीव रौतेला को यथावत जिलाधिकारी बनाए रखने की मांग की। इस दौरान भगवानदास दीक्षित, नरेंद्र ¨सह, डा. भूपेंद्र ¨सह भदौरिया, लक्ष्मीकांत त्रिपाठी, गो¨वद राम द्विवेदी, अनिल कुमार पाठक, मनीराम वर्मा, राजकिशोर, रघुपति प्रसाद शर्मा आदि मौजूद रहे।