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बाबा 14 वर्षो से फैलाए था मायाजाल, पकड़ से दूर

संवाद सहयोगी, भरुआ सुमेरपुर : थाना क्षेत्र के बाके गांव में गुरू ने शिष्य की बलि चढ़ाने के मा

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Aug 2017 03:00 AM (IST)Updated: Sat, 19 Aug 2017 03:00 AM (IST)
बाबा 14 वर्षो से फैलाए था मायाजाल, पकड़ से दूर
बाबा 14 वर्षो से फैलाए था मायाजाल, पकड़ से दूर

संवाद सहयोगी, भरुआ सुमेरपुर : थाना क्षेत्र के बाके गांव में गुरू ने शिष्य की बलि चढ़ाने के मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस के हाथ अब तक कुछ नहीं लगा है। इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी पुलिस की पकड़ से दूर है। उधर, पिछले 14 वर्षो में बाबा ने भगवान का अवतार बताकर लोगों को बेवकूफ बनाया। अब इस हत्याकांड में मुख्य आरोपी बन जाने से उसकी उल्टी गिनती शुरू हो गई है। थाना क्षेत्र के बांक गांव में गुरू ने शिष्य की जन्माष्टमी की रात हत्या करके लाश को घर के पिछवाड़े फेंक दिया गया था। आशंका है कि गुरू ने शिष्य की नरबलि दी है। मृतक के पुत्र ने गुरू सुंदरलाल कुशवाहा उर्फ सद्गुरूदेव महाराज को मुख्य आरोपी बनाया है। अपने आप को भगवान का दूसरा अवतार बता कर लोगों को गुमराह करने वाला यह हत्यारोपी ढोगी गुरू घटना के खुलासे के पूर्व ही परिवार सहित गांव छोड़कर फरार हो गया था। तब से वह लापता है। मुकदमा दर्ज होने के बाद से पुलिस उसको पकड़ने के लिए हाथ पैर मार रही है। लेकिन पुलिस को सफलता हाथ नहीं लग रही है। पुलिस का कहना है कि बाबा की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। जल्द ही इसको गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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उधर बाबा के पिछले 15 वर्षो के पूर्व का रिकार्ड खंगालने पर ज्ञात हुआ कि यह बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखता है। इसके मरहूम माता पिता के पास महज चार बीघे जमीन थी। माता-पिता की मौत के बाद सभी भाइयों ने आपस में बंटवारा कर लिया है। पांच भाइयों में सबसे छोटे भाई की बीमारी से मौत हो गई थी। ग्रामीणों ने बताया कि रामप्रसाद कुशवाहा के पांच पुत्र देवीदीन, फूल¨सह, चेतराम, सुंदरलाल तथा राजू है। राजू की मौत हो गई है और इसकी जमीन हत्यारोपी सुंदरलाल उर्फ सद्गुरू देव ने हथिया रखी है। हत्यारोपी के दो पुत्र देवीदीन तथा चेतराम गांव से बाहर रहकर मजदूरी करते हैं। जबकि फूल ¨सह मानसिक रूप से बीमार रहता है और गांव में ही रहता है। 14 वर्ष पूर्व तक बाबा के पास सपंत्ति के नाम पर कुछ भी नहीं था। शादी के बाद यह पुश्तैनी कच्चे मकान में रहता था। इसी बीच इसने ढोग फैलाना शुरू कर दिया और पूजा पाठ का सहारा लेकर अपने आप को कृष्णावतार बताकर लोगों को कलियुग का भगवान कहकर ठगने में जुट गया। धीरे-धीरे इसने गांव में ही कई लाख रुपये लगाकर आलीशान दो पक्के मकान निर्मित करा लिए और साथ ही चार पहिया वाहन, बाइक तथा घर पर आराम के सारे साधन जुटा लिए और शान की ¨जदगी बसर करने लगा। आरोपी बाबा का लाखों बैंक बैलेंस हैं। इसी से वह गांव में जरूरतमंदों को ब्याज में रुपये भी देता है।


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