अफसरों की अनदेखी, माफिया लूटते रहे लाल सोना
जागरण संवाददाता, हमीरपुर : अफसर, माफिया और नेता। तीनों की तिकड़ी ने तमाम बंदिशों के बावजूद जमकर लाल स
जागरण संवाददाता, हमीरपुर : अफसर, माफिया और नेता। तीनों की तिकड़ी ने तमाम बंदिशों के बावजूद जमकर लाल सोने की लूट की। यहां तक कि कोर्ट ने रोक लगाई, उसके बावजूद धड़ल्ले से खनन होता रहा। और तो और सीबीआई का सीज माल भी माफिया लूट ले गए। हालांकि जब फिर से सीबीआई की जांच शुरू हुई तो अफसरों ने फिर सीज माल की कुछ हद तक भरपाई कर दी।
जिले में यमुना और केन नदी से निकलने वाली मौरंग अफसरों, माफियाओं और नेताओं के लिए लाल सोना सरीखा है। इस लाल सोने की लूट में तीनों की तिकड़ी बेखौफ होकर काम करती रही। यही कारण है कि माफियाओं ने इतना खनन किया कि बेतवा नदी का स्वरूप ही बदल गया।
¨सडीकेट में खत्म हुआ विरोध
मौरंग खनन में जुटे माफियाओं के बीच राजनैतिक विरोध भी खत्म हो गया। जहां सपा नेता खनन के ¨सडीकेट की अगुवाई कर रहे थे तो बसपा व अन्य पार्टियों के नेता भी उस ¨सडीकेट में भागीदार थे। इन ¨सडीकेट संचालकों को अधिकारियों का पूरा संरक्षण प्राप्त था।
सीबीआई का सीज माल लूटा
अवैध खनन की सीबीआई जांच शुरू होने के बाद अफसरों ने 44 स्थानों पर अवैध खनन कर डंप की गई मौरंग को सीज किया था। उसके बावजूद अधिकांश जगहों से यह माल चोरी हो गया है। कागजी लिखापढ़ी के लिए कुछ एफआइआर दर्ज कराई गई हैं तो कहीं फिर से खनन करवाकर माल पूरा कर दिया गया है।
लुभाती रही लाल सोने की चमक
अधिकारियों को भी यहां के लाल सोने (मौरंग) की चमक लुभाती रही है। खनिज विभाग से लेकर प्रशासनिक अफसर यहां से तबादले के बाद जुगाड़ लगाकर फिर से तैनाती करवा लाए। यही कारण रहा कि माफियाओं से उनका गठजोड़ चलता रहा।
याचिकाकर्ता ने मांगी सुरक्षा
अवैध खनन के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका डालने वाले विजय कुमार द्विवेदी निवासी विवेक नगर, हमीरपुर ने शुक्रवार को जिलाधिकारी विशाख जी. व पुलिस अधीक्षक अशोक त्रिपाठी पत्र भेजकर माफियाओं से धमकी मिलने की शिकायत करते हुए सुरक्षा की मांग की है। इससे पहले उन पर हमला हो चुका है। इसमें 03 मार्च 2016 को उन्होंने सदर कोतवाली में मुकदमा भी पंजीकृत कराया था।
''खनन पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। पहले हुए खनन के मामले में सीबीआई जांच चल रही है, इस कारण अलग से कोई जांच नहीं कराई जाएगी।''
- विशाख जी., जिलाधिकारी।