बीमारी ले रहीं जान, स्वास्थ विभाग अनजान
हमीरपुर जागरण संवाददाता: जिले में बीमारी रुकने का नाम नहीं ले रही है। सदर अस्पताल से लेकर क्षेत्र मे
हमीरपुर जागरण संवाददाता: जिले में बीमारी रुकने का नाम नहीं ले रही है। सदर अस्पताल से लेकर क्षेत्र में बनी सीएससी और पीएसी में प्रतिदिन सैकड़ों बुखार व डेंगू से पीड़ित मरीज भर्ती होते हैं। अस्पतालों में तैनात डाक्टर भी मरीजों के साथ खिलवाड़ कर उनको लाल-पीली दवा थका कर अस्पताल से विदा कर देते हैं। यही कारण है कि एक माह के अंदर करीब दो दर्जन मरीजों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। विभाग के पहरेदार भी मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। प्राइवेट डाक्टर भी अधिकारियों की मेहरबानी से मरीजों की जान ले रहें हैं।
जिले में इस समय बीमारी का प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा है। घर-घर मरीज चारपाई पकड़ चुके हैं। जिले में एक दर्जन गांवों में बीमारी ने अपने पैर पसार लिए हैं। इलाज के नाम पर मरीजों के साथ स्वास्थ्य विभाग धोखा कर रहा है। अस्पताल आए मरीजों का अच्छे से इलाज नहीं किया जाता है। अस्पतालों में तैनात डाक्टर मरीजों से सीधे मुंह बात तक नहीं करते हैं। अस्पताल में मरीजों को भर्ती नहीं किया जाता है। जिन गांवों में बीमारी का प्रकोप फैला हुआ उन गांवों में स्वास्थ्य विभाग की ओर से डाक्टरों की टीम भी नहीं भेजी गई है। अधिकारी भी बीमारी के प्रति उदासीन बने बैठे हैं। जिले में डेंगू से बचने के लिए विभाग के पास कोई ठोस बचाव नहीं है। जिले में डेंगू की जांच की भी कोई व्यवस्था नहीं है।
एक और मरीज में पाए
गए डेंगू के लक्षण
डेंगू का प्रकोप लगातार जारी है। शुक्रवार को सदर अस्पताल में एक और मरीज डेंगू से पीड़ित पाया गया। जिसका इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है। छानी निवासी नफीस ने बताया कि उसकी पत्नी जरीना को पंद्रह दिनों से बुखार आ रहा था। जिसका इलाज गांव में ही चल रहा था। राहत न मिलने पर उसको सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां पर उसको डेंगू के लक्षण बताए गए हैं।
कुरारा क्षेत्र में भी वायरल फीवर का प्रकोप
कुरारा: विकास खंड के गांव खरोज, डामर, भैसापाली, भौली, सिकरोड़ी, मनकी, मिश्रीपुर आदि में वायरल फीवर का प्रकोप जारी है। जांच की कोई व्यवस्था न होने के कारण मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है। मरीजों को प्राइवेट डाक्टरों का ही सहारा लेना पड़ रहा है। इन गांवों में अभी तक डाक्टरों की टीम नहीं पहुंची है।
डाक्टर विहीन अस्पताल
जिले में अस्पताल के नाम पर बिल्डिंग तो खड़ी कर दी गई है, लेकिन वहां पर इलाज करने के लिए डाक्टर नहीं तैनात किए गए है। जिस अस्पताल में डाक्टर है भी तो वह अस्पताल ही नहीं आते हैं। कुरारा विकास खंड के गांव कुसमरा, पारा, भौली, मिश्रीपुर में पीएचसी बनी हुई हैं। किसी भी पीएचसी में डाक्टर नहीं है। कही पर फार्मासिस्ट मरीजों का इलाज कर रहें हैं तो कही पर आयुष चिकित्सकों के भरोसे मरीजों की जिंदगी चल रही है।
''मरीजों का सही प्रकार से इलाज किया जा रहा है, जिले में डाक्टरों की कमी है, जितने डाक्टर हैं उतने से ही मरीजों का इलाज हो रहा है, जिन गांवों में बीमारी फैली हुई है, उन गांवों को चिह्नित कर डाक्टरों की टीम भेज कर जांच कराई गई है।''
-पीके सिंह, प्रभारी सीएमओ हमीरपुर।
बुखार ने ली एक और जान
हमीरपुर जागरण संवाददाता: वायरल फीवर का प्रकोप थम नहीं रहा है। लगातार बुखार से जिले में मौते हो रही हैं। शुक्रवार को बुखार ने एक और किशोर की जान ले ली। किशोर की मौत के बाद परिजनों में कोहराम मच गया।
मौदहा कोतवाली क्षेत्र के गांव विगहना निवासी संतोष का 13 वर्षीय पुत्र ओमकार कुनेहटा स्थित इंटर कालेज में कक्षा नौ में पढ़ता था। बीते गुरुवार को वह जन्माष्टमी का व्रत था। शुक्रवार की सुबह उसको अचानक बुखार आ गया। परिजन उसे लेकर मौदहा सरकारी अस्पताल पहुंचे। जहां पर प्राथमिक इलाज करने के बाद डाक्टरों ने किशोर को सदर अस्पताल रेफर कर दिया। परिजन उसे सदर अस्पताल लेकर आए। जहां पर डाक्टरों ने किशोर को मृत घोषित कर दिया। किशोर की मौत के बाद परिजनों में कोहराम मच गया। परिजन किशोर के शव को लेकर घर चले गए।