शादी की खुशियां, आग में खाक
राठ (हमीरपुर) संवाद सहयोगी: अब भतीजियों की शादी कैसे होगी, एक एक पाई करके जोड़ी मेहनत की रकम आग के ए
राठ (हमीरपुर) संवाद सहयोगी: अब भतीजियों की शादी कैसे होगी, एक एक पाई करके जोड़ी मेहनत की रकम आग के एक झोंके ने स्वाहा हो गई। शादी की रस्में अदा करने के लिए रखे नकदी सहित सोने चांदी की जेवरात भी आग ने जलाकर राख हो गए। यह शब्द रो-रो कर अपनी व्यथा सुनाते परमदास के है। छोटे भाई सेवाराम की मौत के बाद उनकी पुत्रियों की देख भाल परमदास ही करते हैं। भाई दो बेटी शशिप्रभा व रीना देवी की शादी का जिम्मा उसके उसी के कंधे पर है। उसने बड़ी भतीजी शशिप्रभा की शादी तय कर दी है। अब तिलक चढ़ाने की तैयारी के लिए वह एक एक पाई जोड़कर भतीजी के अरमान पूरे करने में जुटा हुआ था। उसने सोने चांदी के जेवरात और साठ हजार नकदी जमाकर रखी थी। बुधवार को आग ने उसके व परिवार वालों के सपने चूर चूर कर दिये। आग से सोने चांदी के जेवरात,नकदी और गृहस्थी का सामान जलकर राख हो गया। रीना देवी ने बताया कि आग लगने के वक्त वह घर पर अकेली थी। परिजन खेत गये हुये थे। आग लगने के बाद वह चीखने के अलावा कुछ नही कर सकी। जब आग बुझ गयी और परिजन घर पहुंचे तो सभी के आंखों में आंसू थे और बचे-कुचे शादी के सामान को राख में खोज रहे है।