गरीबी से तंग किसान ने दी जान
बिंवार हमीरपुर संवाद सूत्र: 32 बीघे खेती में बीज बोने के बाद भी सूखे के चलते बीज नहीं उगा था। बलकट क
बिंवार हमीरपुर संवाद सूत्र: 32 बीघे खेती में बीज बोने के बाद भी सूखे के चलते बीज नहीं उगा था। बलकट की जमीन रखने के बाद उसका पैसा कहां से अदा किया जाएगा, इसी सोच से परेशान एक किसान ने बीती रात अपने घर में फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला ही समाप्त कर ली। घटना की जानकारी होने के बाद घर में कोहराम मच गया। बच्चों व पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था।
बिंवार थाना क्षेत्र के गांव उमरी निवासी पैतीस वर्षीय किसान रमेश पुत्र आशाराम गरीबी से तंग था। उसने गांव के ही लोगों की 28 बीघा खेत बलकट में रख लिया था, और स्वयं के चार बीघा खेत थे। सभी खेतों में उसने लाही बोई थी। पूरी फसल में एक भी दाना नहीं उगा था। इसी बात से किसान परेशान रहता था। साथ ही उसके सामने परिवार को पालने की भी समस्या थी। बीती रात किसान ने घर के कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर फांसी लगा ली। काफी देर तक जब किसान कमरे से बाहर नहीं निकला तो उसकी पत्नी प्यारी ने कमरे का दरवाजा खुलवाने के लिए आवाज लगाई। अंदर से कोई जवाब न आने पर उसने अपने ससुर को जानकारी दी। ससुर के आने के बाद कमरे का दरवाजा तोड़ा गया। जहां पर किसान फांसी पर लटका था। यह देख परिजनों में कोहराम मच गया। घटना की सूचना इलाकाई पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंच कर पुलिस ने शव को नीचे उतारा। शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। किसान के पिता आशाराम ने बताया कि पुत्र के एक पंद्रह वर्ष की पुत्री आरती व बारह वर्ष का बेटा राजेश है।