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यमुना पुल में फिर से दरार

हमीरपुर, जागरण संवाददाता : यमुना पुल अभी पूरी तरह से सही भी नहीं हो पाया था कि उसे मिले एक और घाव ने

By Edited By: Published: Fri, 28 Aug 2015 07:58 PM (IST)Updated: Fri, 28 Aug 2015 07:58 PM (IST)
यमुना पुल में फिर से दरार

हमीरपुर, जागरण संवाददाता : यमुना पुल अभी पूरी तरह से सही भी नहीं हो पाया था कि उसे मिले एक और घाव ने उलझन बढ़ा दी है। जुलाई से मरम्मत करा रही पीएनसी कंपनी के इंजीनियर भी हाल में बनी स्लैब में दरार बनने से हैरान है। इस स्लैब के पड़ने के बाद ही पुल पर एक साइड से ट्रैफिक गुजारा जा रहा है।

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41 वर्षीय यमुना पुल जिले की जनता के लिए किसी वरदान से कम नहीं। 18 पिलर पर मात्र दो बीम के सहारे टिके पुल पर जब भी कोई संकट आया तो हमीरपुर ही नहीं महोबा, बांदा चित्रकूट, फतेहपुर और कानपुर के ट्रैफिक पर ही प्रभाव नहीं पड़ता मध्य प्रदेश से भी दूरी बढ़ जाती। इससे वाहन चालकों को तो दुश्वारी होती ही है टोल वसूलने वाली कंपनी को भी घाटा उठाना पड़ता। पिछले छह साल के अंदर यमुना पुल सात बार धोखा दे चुका है। छठी बार जब पुल क्षतिग्रस्त हुआ था तो पुल के सात पिलर के ऊपर की स्लैब खराब हुई। बार-बार की खराबी से टोल में हो रहे घाटे को थामने के लिए पीएनसी कंपनी ने पुल की पूरी तरह से मरम्मत का निर्णय लिया था। दिल्ली से आई इंजीनियरों की टीम ने पूरे पुल को स्कैन भी किया था। इस समय भी पुल पर काम जारी है। गुरुवार को अचानक पुल की एक पिलर के ऊपर ढली नई स्लैब की ऊपरी सतह पर दरार आ गई। इस समस्या से इंजीनियर भी चकित हैं कि आखिर यह हुआ कैसे। कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर के अनुसार, पुल पर ढली स्लैब में पानी की कमी भी दरकने का कारण हो सकती है।

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टीम भी न कर सकी स्थाई इलाज

छठी बार यमुना पुल क्षतिग्रस्त होने पर पीएनसी कंपनी ने पूरे पुल की जांच करने के लिए दिल्ली और बंगलुरू की टीम बुलाई थी। पुल का एक्सरे करने के लिए मेजर ब्रिज इंटेक्शन यूनिट (एमबीआईयू) मशीन आई थी।

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पुल की कुंडली

-सेतु निगम की ओर से यमुना नदी पर पुल बनाया गया 1974 में। इंदिरा सेतु के नाम से इसका नामकरण हुआ था।

- पुल निर्माण के 35 साल बाद पहली बार 11 जून 2009 को पिलर नंबर 5 के पास स्लैब धंसी।

- ठीक दो साल बाद 10 जून 2011 को चार नंबर पिलर के साथ स्लैब धंस गई।

- तीसरी बार भी दो साल बाद 21 जून 2013 को एक नंबर पिलर के पास की स्लैब धंसी।

-चौथी बार 29 अक्टूबर 2014 को तीन नंबर पिलर के पास की स्लैब धंस गई।

-पांचवीं बार 19 जून 2015 को दो नंबर पिलर की स्लैब धंसने के साथ दोनों बीम में भी पहली बार दरार आई।

- 13 दिन में ही दो जुलाई 2015 को 8 नंबर पिलर के पास स्लैब धंसी मिली, बाद में जांच हुई तो 9,10,11,12,13,14 नंबर पिलर की स्लैब भी क्षतिग्रस्त मिली।


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