किसान ने फंासी लगा कर जान दी
भरुआसुमेरपुर,(हमीरपुर) संवाद सहयोगी: मौहर गांव में एक किसान ने फांसी लगाकर जान दे दी। परिजनों ने बता
भरुआसुमेरपुर,(हमीरपुर) संवाद सहयोगी: मौहर गांव में एक किसान ने फांसी लगाकर जान दे दी। परिजनों ने बताया कि इस बार फसल खराब होने से एक दाना नसीब नहीं हुआ और कुछ कर्ज भी अदा करने का दबाव था। इससे वह परेशान रहता था। खबर मिलने के तीन घंटे बाद पुलिस पहुंची। खबर पाकर एसडीएम सदर, तहसीलदार, लेखपाल पहुंच गए थे।
65 वर्षीय राम खिलावन निषाद के पास मात्र पांच बीघे जमीन थी। किसान के बेटे जगत ने बताया कि पूरे परिवार का इसी से भरण पोषण होता है। उसमें चना व सरसों की फसल बोई थी। मगर उसमें कुछ भी पैदा नहीं हुआ था। उधर किसान गांव के ही एक किसान के नलकूप की रखवाली भी करता था। उसका पैसा मांगने पर किसान ने उसी पर कर्ज निकाल दिया था। इसके अलावा साहूकार का करीब पचास हजार कर्ज था। इसी से परेशान होकर गुरुवार तड़के साढ़े पांच बजे वह सरकारी नलकूप 229 में रघुनी नामक किसान के साथ लेटा था। वहीं से उठकर वह थोड़ी दूर पर स्थित बबूल के पेड़ में चढ़ गया और फांसी पर झूल गया। सुबह सात बजे जब गांव के लड़के दौड़ लगाते हुए वहां से गुजरे तो किसान पेड़ से झूल रहा था। तब परिजनों को खबर दी गई। किसान के तीन पुत्र हैं। जगत निषाद 48, बच्चा 44 व श्रीचंद्र 28 तीनों मेहनत मजदूरी करके कमाते हैं। लेखपाल शिव कुमार ने बताया कि उक्त किसान को आपदा राहत के रूप में 4366 रुपए की चेक दी जा चुकी है। 4598 रुपए देना शेष रह गया है। उसका कहना था कि यदि किसवाही मौजा के लेखपाल द्वारा रिपोर्ट भिजवा दी गई होती तो विगत वर्ष के 4400 रुपए की चेक और मिल जाती।