आंकड़ों में उलझा शहर का पानी
हमीरपुर जागरण संवाददाता: शहरवासी ही नहीं यहां आने वालों के लिए भी पीने की पानी की किल्लत हर साल गर्म
हमीरपुर जागरण संवाददाता: शहरवासी ही नहीं यहां आने वालों के लिए भी पीने की पानी की किल्लत हर साल गर्मियों में हो जाती है। इसे सुधारने के बजाय नगरपालिका और जल संस्थान एक दूसरे पर आरोप मढ़ते रहते हैं। दोनों के बीच समस्या सुलझाने के बजाय पूरी गर्मी भर उलझी ही रहती है। इस बार भी कुछ ऐसा ही दिख रहा है।
शहर में हैंडपंपों की कमी नहीं है। कागजी आंकड़ों के अनुसार संख्या दो सौ के पार है। हालात देखा जाए तो सड़क किनारे लगे हैंडपंप इस समय अधिकांश खराब पड़े हुए हैं। कोई ठूंठ बना है तो किसी का हैंडल ही गायब हो गया। कोई रिबोर के इंतजार में खड़ा है। इन्हें सही कराने की बात तो दूर पालिका ने कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी करना मुनासिब नहीं समझा। इस समय गर्मी अपने चरम पर है। बस स्टाप के पास लोगों को पीने का पानी तलाशे नहीं मिलता। मुसाफिर या तो पानी खरीद कर पिये या फिर प्यासे ही रहें। बस स्टाप पर लगा रेडक्रास का वाटर कूलर भी छुपा कर अंदर लगा दिया गया है। उसमें अधिकारी कर्मचारी भले ही लाभ पा जाएं आम आदमी उस तक पहुंच ही नहीं पाता। इतनी समस्या होने के बाद भी जिला प्रशासन भी कोई पहल नहीं कर रहा और न ही कोई सामाजिक संस्था ही। शहर में इस समय प्याऊ की बहुत जरूरत है। और कहीं नहीं तो बस स्टाप और प्रमुख चौराहों पर तो लगने ही चाहिए। फिलहाल प्याऊ लगना तो दूर की बात खराब पड़े हैंडपंप भी सही नहीं कराए जा रहे हैं।
''खराब हैंडपंप को सही करने की जिम्मेदारी जल संस्थान की रहती है।'' कुलदीप निषाद, नगरपालिका चेयरमैन प्रतिनिधि हमीरपुर।