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मेहनत भी नहीं संवार सकी किस्मत

मौदहा,संवाद सहयोगी: थाना बिंवार क्षेत्र के ग्राम कुनेहटा के किसान इंद्रजीत एक लघु किसान था। गरीबी व

By Edited By: Published: Sun, 01 Mar 2015 05:46 PM (IST)Updated: Sun, 01 Mar 2015 05:46 PM (IST)
मेहनत भी नहीं संवार सकी किस्मत

मौदहा,संवाद सहयोगी: थाना बिंवार क्षेत्र के ग्राम कुनेहटा के किसान इंद्रजीत एक लघु किसान था। गरीबी व कर्ज से तंग आकर वह लगातार परेशान रहता था। इन्हीं हालातों ने उसकी जान ले ली।

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ग्राम कुनेहटा निवासी यह किसान दो तरह की मार झेल रहा है। एक फसल पानी के कम वर्ष व असमय अतिवृष्टि से उपज में भारी कमी। जंगल क्षेत्र के पास में होने के कारण जंगली जानवरों अन्ना पशुओं की धमा चौकड़ी से किसान को रातों खेतों रखवाली करनी पड़ती है। फिर भी मौका लगते ही जानवर फसल बर्बाद कर जाते हैं। इन्हीं सब तंगी से प्रभावित किसान इंद्रजीत 48 के ऊपर इसके अलावा भी अनेकों समस्याएं आ खड़ी हुई। दो साल पूर्व लिए किसान कार्ड का जहां कर्ज बढ़कर दो लाख रुपए हो गया। वहीं पिता की मृत्यु, लड़की की शादी व नवविवाहिता बहु की तबियत बिगड़ने पर इन सब में लाखों रुपयों का कर्ज साहू कारों से उसे लेना पड़ा। जमीन भी मात्र 10 बीघा ही थी जो आधी साहूकारों के कर्ज में गिरवी पड़ी थी। किसान प्रतिदिन की भांति जानवर भगाने अपने खेतों गया था। वहां उसने खेत में बोई लाही मौसम की मार के कारण बर्बाद देखी तो वह सदमा नहीं सह पाया और उसने अपने लाही के खेत में लगे बबूल के पेड़ में फांसी का फंदा डालकर स्वयं झूल कर जिंदगी का खेल ही खत्म कर दिया। उसने अपने पीछे पत्नी, दो लड़के व गोद ली पुत्री को छोड़ गया है। जिनका मात्र यही मुखिया के रूप में पालनकर्ता था। इसकी मृत्यु से परिवार में कोहराम मचा हुआ है। वहीं घर की स्थिति पहले से ही खराब थी। अब भगवान का ही भरोसा है।


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