यमुना पुल पर एक माह नहीं दौड़ेंगे भारी वाहन
हमीरपुर जागरण संवाददाता: पैंतीस साल पुराने यमुना पुल पर क्षमता से दोगुने लोड के दौड़ते वाहनों ने पांच
हमीरपुर जागरण संवाददाता: पैंतीस साल पुराने यमुना पुल पर क्षमता से दोगुने लोड के दौड़ते वाहनों ने पांच साल में चौथी बार उसे क्षतिग्रस्त कर दिया। इससे कानपुर आने जाने वाले भारी वाहनों का आवागमन रोक दिया गया है। गुरुवार को आगरा से आई पीएनसी कंपनी के अफसरों ने पुल का निरीक्षण करने के बाद एक माह के लिए पुल से भारी वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित कर दिया। शुक्रवार से पुल की मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इसे एक माह में दुरुस्त कर लिया जाएगा।
हमीरपुर से कानपुर जाने के लिए यही एक मात्र पुल माध्यम है। इससे हल्के वाहन के साथ भारी वाहन रात दिन गुजरते हैं। रेलवे की सुविधा न होने से सड़क का आवागमन ज्यादा ही रहता है। बुधवार की रात यमुना पुल की तीसरी कोठी (कानपुर की तरफ से) के पास करीब आठ फुट घेरे में दरार आ गई और उतना हिस्सा धंस गया। पुल क्षतिग्रस्त होने से कुछ ही देर में वाहनों की कतार लग गई थी। अधिकारियों ने पहुंच कर पुल पर बैरीकेडिंग लगवा दी। इसके बाद पुल से केवल हल्के वाहनों को ही निकलने की अनुमति दी गई। गुरुवार को सुबह आगरा से आकर पीएनसी कंपनी के विभागाध्यक्ष राकेश खंडूरी के साथ चार अन्य सदस्यों ने पुल का निरीक्षण किया। राकेश खंडूरी ने बताया कि इस पुल की क्षमता 40 टन तक का भार सहने की है, लेकिन इसमें अनदेखी की जा रही है। 90 टन तक लोड वाले वाहनों को गुजारा जाता है। इसी कारण पिछले पांच साल के अंदर चार बार पुल क्षतिग्रस्त हो चुका है।
पुल के पूर्व रोकी गई बसें
कानपुर की ओर से आने वाली रोडवेज बसों को यमुना पुल के पहले ही रोक दिया गया। यात्रियों को शहर तक आने के लिए रिक्शे का सहारा लेना पड़ा या फिर पैदल ही आना पड़ा। लोग बस के इंतजार में घंटों बैठे इंतजार करते रहे।
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'क्षत्रिग्रस्त पुल के हिस्से पर शुक्रवार से मरम्मत कार्य शुरू किया जाएगा। इसमें 25 दिन का समय लगेगा। उसके बाद छह दिन उसे सूखने में लग जाएंगे। उसके बाद सभी वाहनों के लिए यातायात सामान्य कर दिया जाएगा।'
मनीष, प्रोजेक्ट मैनेजर, पीएनसी डेवलपमेंट कंपनी।