सपा को बसपा का 'वाकओवर गिफ्ट'
अजय दीक्षित, हमीरपुर :
हमीरपुर सदर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में बसपा का वाकओवर सपा के लिए फायदेमंद साबित हो गया। वहीं कांग्रेस और भाजपा को इसी के चलते नुकसान झेलना पड़ा।
सदर सीट के उपचुनाव ने लोकसभा चुनाव के बिल्कुल विपरीत तस्वीर पेश कर दी। भाजपा और कांग्रेस के गढ़ में सपा ने सेंध लगा दी। इसके लिए सबसे बड़ा सपा के लिए बसपा का चुनाव से दूर रहना रहा। इस जगह कांग्रेस के आंकड़े धरे रह गए। कांग्रेस को यह उम्मीद थी कि बसपा का वोट बैंक उनकी ओर खिसक आएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अंतिम समय में बसपा का उम्मीदवार न होने से उसके वोटर सीधे सत्ता की ओर झुक गए। वहीं कहीं न कहीं सत्ता की हनक का भी असर रहा। मंत्रियों का लगातार एक माह तक जिले में डेरा डाले रहना। वोटरों में प्रलोभन के साथ उन्हें प्रदेश सरकार की ओर से लाभ मिलने की उम्मीदों के सपने दिखाना भी शामिल रहा। सपा के चुनाव प्रचार के दौरान अधिक ध्यान गांवों में दिया गया। ग्राम प्रधानों के माध्यम से लोगों को संदेशा भी दिया गया कि सत्ता का उम्मीदवार जीतेगा तो जनता को उसका लाभ मिलेगा। इन सारे समीकरणों ने अन्य दलों को पीछे कर दिया। लोकसभा चुनाव के दौरान सदर विधान सभा में भाजपा पहले नंबर पर थी तो सपा दूसरे नंबर पर रही थी। वहीं बसपा को तीसरा और कांग्रेस को चौथा स्थान मिला था। लेकिन उप चुनाव में तो मतदाताओं ने पूरी तस्वीर ही पलट दी। सपा को हर पोलिंग बूथ पर दूना बढ़त मिली। पहले राउंड से ही अपने विपक्षी से पांच से सात हजार वोटों की बढ़त बनाए रखी थी। लोकसभा चुनाव के दौरान यही हाल भाजपा ने अन्य दलों के साथ किया था। उसने इसी तरह हर पोलिंग बूथ पर अच्छी खासी बढ़त बनाते हुए अन्य दलों के प्रत्याशियों को पटखनी दी थी। लेकिन उप चुनाव में सपा ने पांसे ही पलट दिए।