इलाज नहीं, मिलती है फटकार
कुरारा (हमीरपुर) संवाद सूत्र: अस्पताल में मरीज इस भरोसे से आता है कि उसे इलाज मिलता है, लेकिन यहां इलाज से पहले फटकार की डोज मिलती है। स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डाक्टर के ओपीडी में न बैठने के कारण इलाज के लिए आने वाले मरीजों को परेशानी उठानी पड़ती है। वहीं पैथालाजी विभाग के कर्मचारियों द्वारा मरीजों से अभद्रता की जा रही है।
स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डाक्टर अपने तय समय पर भी नहीं पहुंचते हैं। मरीज इंतजार करते-करते थक कर निराश हो लौट जाते हैं। कभी-कभी तो अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को फार्मासिस्ट ही दवा देकर इलाज करके वापस भेज देते हैं। इस स्वास्थ्य केंद्र में दो डाक्टर की तैनाती है। जिसमें प्रभारी डा. आरके कटियार अस्पताल में बैठकर कभी मरीज नहीं देखते हैं। वहीं दूसरे डा.अरुण तिवारी हैं। जोकि मरीज देखते हैं लेकिन बीच में ही उठकर जब मनचाहा अपने आवास चले जाते हैं। उनके इंतजार में मरीज परेशान घूमते रहते हैं। कस्बा निवासी अरभद खान ने बताया कि बुधवार को अस्पताल बच्चे को दिखाने के लिए गए थे। अस्पताल में दस बजे कोई भी डाक्टर अपने कक्ष में नहीं मिला तब बच्चे का झलोखर स्थित होम्योपैथिक में इलाज करवाया। वही पारा गांव स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात आयुर्वेद चिकित्सक डा. अनिल कुशवाहा अस्पताल कभी नहीं आते हैं, जबकि कस्बे में आवास बनाकर रह रहे हैं। वहां मरीज डाक्टर के न मिलने से परेशान रहते हैं। क्षेत्र के भौली गांव निवारी पूर्व प्रधान राधा सिंह गौर ने बताया कि बुखार आने पर इलाज के लिए अस्पताल आई थी। कोई डाक्टर तो नहीं मिला लेकिन फार्मासिस्ट द्वारा पर्चे में खून की जांच के लिए लिखा गया। वहां पर तैनात कर्मचारी द्वारा कहा कि मेरे यहां स्टाफ नहीं है। आज खून की जांच नहीं हो पाएगी। ऐसे में मायूस होकर घर वापस आ गई।
क्या बोले जवाबदेह
अस्पताल कर्मचारियों की लापरवाही की जांच की जा रही है। जल्द ही कार्रवाई करके व्यवस्था में सुधार किया जाएगा।
-डा. आर के कटियार, चिकित्सा प्रभारी।