पेंटरों की आयोग ने छीन ली रोजी
हमीरपुर, जागरण संवाददाता: चुनाव का समय हो और पेंटर फुर्सत में बैठे, देखकर आश्चर्य होता है। लेकिन चुनाव आयोग की सख्ती ने इस बार कुछ ऐसी ही तस्वीर खड़ी कर दी है। पेंटिग का काम करने वालों के पास बिल्कुल ही सन्नाटा पसरा है। दुकानदार धंधे के मामले में आयोग पर कुछ नाराजगी दिखाते नजर आते हैं।
याद करिए दो-तीन पंचवर्षीय पहले के चुनाव, जब मतदान की तारीख तय होते ही पेंटरों की दुकानों में खासी भीड़ हो जाती थी। हर किसी के पास पहले से ही सैकड़ों आर्डर पड़े रहते थे। दुकानदार समय से काम तैयार करने को लेकर रात-दिन जुटे रहते थे। पेंटर जलील (40) कहते हैं चुनाव का हम लोगों को खास इंतजार रहता था। कपड़ा, लकड़ी, लोहे की चद्दर तथा अन्य सामग्री काफी पहले से ही खरीद कर रख लेते थे। हमारे पास जो आर्डर पहले का होता था उसे ही निपटाते थे। इतना काम रहता था कि हमें चार-पांच लेबर रखने पड़ते थे। वहीं अब तो आम दिनों में और चुनाव का समय, कोई खास फर्क नहीं दिखता। पार्टियों की ओर से काम तो मिला है लेकिन कोई खास नहीं है। पेंटर राजबीर कहते हैं भारत निर्वाचन आयोग की ओर से जो सख्ती हुई है उससे आम मतदाता में खुशी है। रही बात हमारे धंधे की तो इसमें पहले की अपेक्षा कुछ कमी अवश्य आई है।