श्रद्धा से याद किए गए अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद
गोरखपुर : स्वतंत्रता संग्राम के अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद के शहादत दिवस पर सोमवार को महानगर में अनेक स
गोरखपुर : स्वतंत्रता संग्राम के अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद के शहादत दिवस पर सोमवार को महानगर में अनेक संगठनों ने गोष्ठियां आयोजित कर उनके कृतित्व व व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। लोगों ने आजाद चौक स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके प्रति अपनी आस्था व श्रद्धा व्यक्त की।
गुरुकृपा संस्थान व पं.रामप्रसाद बिस्मिल शहीद मेला के तत्वावधान में संस्थान कार्यालय में आयोजित गोष्ठी में संस्थान के संयोजक बृजेश त्रिपाठी ने कहा कि भारत मा के वीर सपूत चंद्रशेखर आजाद का जन्म उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के बदरका गाव में 23 जुलाई 1906 में हुआ था। इसके बाद आजाद के पिता पं.सीताराम तिवारी मध्यप्रदेश जाकर बस गए। वहीं आजाद का बचपन बीता। अंग्रेज शासित भारत में पले-बढ़े आजाद की रगों में शुरू से ही अंग्रेजों के प्रति क्रांति भरी हुई थी। 27 फरवरी 1931 को उन्होंने अल्फ्रेड पार्क, इलाहाबाद में स्वयं को इसलिए गोली मार ली, ताकि अंग्रेजों के हाथ न पड़ें। इस तरह भारत मां का यह वीर सपूत सदा-सदा के लिए सो गया।
पं.रामप्रसाद बिस्मिल क्रांति विचार मंच के तत्वावधान में आजाद चौक स्थित अमर शहीद की प्रतिमा पर अध्यक्ष शंभू नाथ सिंह, उपाध्यक्ष संजय त्रिपाठी व प्रो.राकेश शुक्ला ने माल्यार्पण किया। इसके पूर्व उन्होंने प्रतिमा की सफाई की। शास्त्री नगर में आयोजित गोष्ठी में सुभाषचंद्र अकेला ने चंद्रशेखर आजाद को उत्कट देशभक्त, त्याग, शौर्य व साहस का प्रतीक बताया और कहा कि युवा पीढ़ी को आजाद का व्यक्तित्व हमेशा प्रेरित करता रहेगा। संचालन मोहम्मद कलीम ने किया। अरसद खान, दीपक गौड़, चंदनप्रिय अग्रहरि आदि उपस्थित थे। विद्या मंदिर शिक्षण संस्थान, रहमतनगर में आयोजित गोष्ठी की अध्यक्षता प्रवक्ता प्रमेश सिंह व संचालन श्याम चौरसिया ने किया। इस अवसर पर अनेक लोग उपस्थित थे। पं. रामप्रसाद बिस्मिल स्मारक एवं राष्ट्रीय एकता परिषद के तत्वावधान में विकास एकेडमी, विकास नगर में गोष्ठी आयोजित की गई। डा. अशोक कुमार श्रीवास्तव सहित अनेक लोगों ने संबोधित किया।