यात्रियों का साथ निभाएगा 'आरमित्र'
गोरखपुर : रेलवे अपने यात्रियों से सीधे जुड़ रहा है। सुझाव और शिकायतें आनलाइन मांगी जा रही हैं। तत्काल
गोरखपुर : रेलवे अपने यात्रियों से सीधे जुड़ रहा है। सुझाव और शिकायतें आनलाइन मांगी जा रही हैं। तत्काल कार्रवाई भी हो रही है। अब तो इसके लिए 'आरमित्र' नाम का मोबाइल एप भी आ गया है। इसके जरिये यात्री अपनी बात सीधे रेलवे तक पहुंचा सकते हैं। पूर्व रेलवे के बाद पूर्वोत्तर रेलवे भी इस एप को लांच करने की तैयारी चल रही है।
ऐसे करेगा काम : रेलवे मोबाइल इंस्टेंट ट्रैकिंग रिस्पांस एंड असिस्टेंट (आर मित्र) मोबाइल एप की लांचिंग रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने पिछले वर्ष अगस्त में कोलकाता में की थी। इस एप को एंड्रायड गूगल प्ले स्टोर से मोबाइल में डाउनलोड किया जा सकता है। अप्लीकेशन को खोलने पर सबसे पहले उपयोगकर्ता को अपना व्यक्तिगत विवरण भरना होगा। उसके बाद एप का मेन पेज खुलेगा। इस पेज पर इमरजेंसी, हेल्प, मैसेज और कॉल सिक्यूरिटी विकल्प होंगे। आपातकाल की स्थिति में यात्री चौथे विकल्प सिक्योरिटी हेल्पलाइन नंबर '182' पर सीधे संपर्क कर सकता है। यात्रियों को इस बटन पर केवल टच करना होगा और यह सिस्टम ऑटोमेटिक रूप से रेलवे कंट्रोल रूम में एक- एक मिनट के अंतराल पर तीन एसएमएस भेजेगा। जीपीएस या जीपीआरएस होने पर कंट्रोल द्वारा यात्री की वास्तविक स्थिति पता लग जाएगी और निकट के आरपीएफ इंसपेक्टर को कंट्राल द्वारा सहायता का मैसेज भेजा जाएगा। जीपीआरएस है तो मैसेज उसी के माध्यम से जाएगा, यदि नहीं है तो मैसेज सामान्य तरीके से भेजा जाएगा। अप्लीकेशन को रेलवे ने निजी कंपनी के सहयोग से तैयार किया है।
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यह भी जानें
- बिना टाइप किए यात्री अपनी बात सुरक्षा कर्मियों तक पहुंचा सकते हैं।
- संदेश के लिए मैसेज वाले बटन को दबाकर एसएमएस भेज सकते हैं।
- विशेष मदद के लिए यात्री को अप्लीकेशन का हेल्प बटन दबाना होगा।
- हेल्प बटन दबाने पर 'कोई मुझे छेड़ रहा', 'पुरुष यात्री महिला कोच में सफर कर रहे' आदि मैसेज सामने होंगे।
- संबंधित मैसेज को दबाते ही एप सिस्टम उसे कंट्रोल को भेज देगा।
- अगले स्टेशन पर सहायता के लिए रेलवे सुरक्षा बल के जवान पहुंच जाएंगे।