निलंबित पंजीयन पर जा रहा माल धराया
गोरखपुर : वाणिज्य कर विभाग की आंखों में धूल झोंककर निलंबित पंजीयन पर माल भेजने वाले व्यापारियों का र
गोरखपुर : वाणिज्य कर विभाग की आंखों में धूल झोंककर निलंबित पंजीयन पर माल भेजने वाले व्यापारियों का रैकेट सक्रिय है। विभाग की पकड़ में आए व्यापारी से 2.93 लाख रुपये की जमानत धनराशि वसूल की गई है। एडीशनल कमिश्नर आरके कुरील ने बताया कि कई स्थानों पर विभाग द्वारा की गई कार्रवाई में निलंबित पंजीयन पर माल भेजे जाने के मामले का खुलासा हुआ है। इसी तरह कोयला व्यापारियों द्वारा फर्जी बहती पर माल भेजने का क्रम जारी है। विभाग ने ऐसे व्यापारियों की शिनाख्त कर कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है।
पहला मामला कोयले से संबंधित है। कोयला लदे ट्रक (यूपी 21 डीटी 5643) को वाणिज्य कर अधिकारियों ने उस वक्त पकड़ा जब वह महराजगंज के व्यापारी राकेश कुमार (बिक्र क्लीन वर्क्स) को डिलेवरी के लिए जा रहा था। बिल केके इंटरप्राइजेज चंदासी चंदौली के नाम बना था। सहायक आयुक्त आशीष पांडेय ने बताया कि माल बेचने वाले व्यापारी का पंजीयन निलंबित पाया गया है। इस पर माल रोककर व्यापारी को कारण बताओ नोटिस दी गई। साथ ही माल की कीमत 3.66 लाख रुपये के सापेक्ष व्यापारी से जमानत धनराशि जमा कराई गई। हालांकि चंदौली के व्यापारी ने पंजीयन निलंबन के आदेश के विरुद्ध उच्च न्यायालय में गुहार लगाई लेकिन उसकी याचिका अस्वीकार कर दी गई।
दूसरा मामला फर्जी बहती पर भेजे जा रहे परचून का था। दिल्ली से मुजफ्फरपुर बिहार को बहती से परचून भेजा जा रहा था। वाहन बोकारो ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन का था। इसे सहायक आयुक्त विनय पांडेय ने रोका। वाहन में लदे 12.52 लाख रुपये के परचून का माल भेजने व पाने वाले व्यापारी फर्जी पाए गए। इस कारण माल की कीमत पर 5.01 लाख रुपये की जमानत वसूल की गई।
तीसरा मामले में वंशिका ट्रेडर्स शकरपुर रामपुर द्वारा विनियर की केंद्रीय बिक्री पश्चिम बंगाल के व्यापारी महाकाल ट्रेडर्स को करने के बाद भेजा जा रहा था। माल से संबंधित कागजों की जांच में पाया गया कि माल भेजने वाले व्यापारी का पंजीयन निलंबित है। बस्ती के एसटीएफ प्रभारी आलोक तिवारी ने बताया कि माल को रोककर उसकी कीमत 1.5 लाख रुपये पर 60 हजार रुपये की जमानत वसूल की गई।