भारतीय रेलवे चलाने जा रहा बिना गार्ड के 1000 मालगाडिय़ां
भारतीय रेलवे ने बिना गार्ड के मालगाडिय़ां चलाने की तैयारी शुरू कर दी है। इस योजना के प्रथम चरण में एक हजार मालगाडिय़ां चलाई जाएंगी।
लखनऊ (जेएनएन)। भारतीय रेल के इतिहास में एक बड़ा परिवर्तन होने जा रहा है। यूरोपीय देशों की तर्ज पर रेल गाडिय़ां बिना गार्ड के चलाई जाएंगी। ट्रेनों में गार्ड की जगह अति आधुनिक तकनीकी वाला उपकरण ईओटीटी (इंड ऑफ ट्रेन टेलीमेट्री) सिस्टम स्थापित किया जाएगा। रेल मंत्रालय स्तर पर इसकी शुरुआत हो चुकी है। प्रथम चरण में फिलहाल एक हजार मालगाडिय़ों को बिना गार्ड के चलाने की योजना बनाई गई है।
एक ईओटीटी उपकरण की कीमत दस लाख रुपये है। इस उपकरण की खरीदारी की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। खरीदारी पूरी होते ही मालगाडिय़ों में उपकरण लगाने का कार्य भी शुरू हो जाएगा।
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यह उपकरण ट्रेन के अंतिम छोर पर स्थित गार्ड यान (ब्रेक यान) में ही स्थापित किया जाएगा। उपकरण एक कम्यूनिकेशन सिस्टम के तहत कार्य करेगा, जो मालगाड़ी के आगे इंजन से अंतिम छोर के डिब्बे तक जुड़ा रहेगा। पूरी मालगाड़ी की एक-एक पल की गतिविधि उपकरण में दर्ज होती रहेगी और उसी के अनुसार वह कार्य करेगा। प्लेटफार्म से मालगाड़ी के रवाना होने से पहले उपकरण ब्रेक पाइप प्रेशर आदि को चेक करने के बाद लोको पायलटों को ग्रीन सिग्नल देगा। आगे सिग्नल मिलने के बाद संतुष्ट होने पर लोको पायलट मालगाड़ी को रवाना कर देंगे। इसके बाद उपकरण लगातार लोको पायलट और कंट्रोल के संपर्क में रहेगा। सूचनाओं का आदान-प्रदान करने के साथ ही संरक्षा की भी निगरानी करेगा। समय- समय पर ब्रेक पाइप प्रेशर को चेक करता रहेगा। समय पर प्रेशर का भी उपयोग करता रहेगा। विशेष परिस्थिति में या मालगाड़ी के दो भाग में बंट जाने पर लोको पायलटों और कंट्रोल को सूचित करेगा। यानी, पूरी तरह गार्ड की भूमिका निभाएगा। सिस्टम की सफलता के बाद आने वाले दिनों में भारतीय रेल की सभी मालगाडिय़ों में यह उपकरण लगा दिए जाएंगे। सवारी ट्रेनों में भी इसका परीक्षण किया जाएगा। पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी संजय यादव बताते हैं कि मंत्रालय स्तर पर मालगाडिय़ों को बिना गार्ड के चलाने की तैयारी शुरू कर दी गई है।
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दूर होगी मालगाडिय़ों की लेटलतीफी
उपकरण के लग जाने से मालगाडिय़ों की लेटलतीफी दूर होगी। आगे सिग्नल मिलने के बाद लोको पायलटों को गार्ड की झंडी का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। गार्ड यान में लगा उपकरण लोको पायलट को सिग्नल दे देगा और मालगाड़ी समय से आगे रवाना हो जाएगी।