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यूपी के पूर्वांचल में नेपाल से आई बाढ़ बनी खतरा, बांधों से रिसाव बढ़ा

नेपाल से पानी छोड़े जाने से घाघरा, राप्ती, शारदा आदि नदियों में बाढ़ आ गई है। गोरखपुर-बस्ती मंडल में सैकड़ों गांव घिरे हैं। बांधों में रिसाव कोढ़ में खाज बना हैं। बाढ़ से कई मौत की सूचना है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Wed, 16 Aug 2017 04:31 PM (IST)Updated: Thu, 17 Aug 2017 08:16 AM (IST)
यूपी के पूर्वांचल में नेपाल से आई बाढ़ बनी खतरा, बांधों से रिसाव बढ़ा
यूपी के पूर्वांचल में नेपाल से आई बाढ़ बनी खतरा, बांधों से रिसाव बढ़ा

लखनऊ (जेएनएन)। नेपाल के डैम से घाघरा में चार लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद बलिया में जलस्तर तेजी से बढ़ाव पर है। नदी का जलस्तर आधा सेमी प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। इससे टीएस बंधा पर डेंजर जोन तिलापुर के पास नदी का दबाव बढऩे लगा है। नदी का जलस्तर बढऩे से तटवर्ती लोगों में दहशत व्याप्त है। आजमगढ़ के देवारा क्षेत्र में घाघरा नदी उफान पर है। माप स्थल बदरहुआ नाला पर खतरा निशान 71.78 मीटर के ऊपर 72.50 मीटर पर बह रही है। बाढ़ के पानी से दर्जनों गांव घिर गए हैं। मऊ में घाघरा का जल स्तर बढ़ गया है। गौरीशंकर घाट पर नदी खतरा बिंदु से 85 सेमी तो अवराडांड़ में 1.15 मीटर ऊपर बह रही है। बंधे पर दबाव बढ़ गया है। गांवों की फसलें डूब गई हैं।  राप्ती नदी के जलस्तर में बृद्धि से गोरखपुर शहर के हार्बट बांध पर बने बहरामपुर, डोमिनगढ़, हासुपुर रेगुलेटरों में रिसाव शुरू हो गया है। रिसाव के बाद बंधे से सटे दर्जनों मोहल्लों में खतरा बढ़ गया है।

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तस्वीरों में देखें-यूपी के पूर्वांचल में नेपाल से आई बाढ़ का खतरा

सिद्धार्थनगर में दो की मौत

सिद्धार्थनगर जिले में नदियों के जलस्तर में  हो रही वृद्धि से बाढ़ ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। जमुआर नाले का जलस्तर अब तक के सभी रिकार्ड ध्वस्त करते हुए 86.83 मीटर पर पहुंच गया है। इसके चलते जनपद मुख्‍यालय के स्कूलों, अस्पतालों, लोगों के घरों व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में पानी घुस गया है। चौतरफा पानी से घिरे होने के कारण जिला मुख्यालय पूरी तरह टापू में तब्दील हो गया है। लगातार बढ़ते जलस्तर को देखते रेल सेवा भी बाधित हो सकती है। राप्ती एवं कूड़ा नदियों के जलस्तर में वृद्धि से नागरिक दहशत में हैं। 152 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं, जिसमें से 57 मैरुंड हैं। दो लोगों की मौत भी हो चुकी है।

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महराजगंज में दो बहे

महराजगंज के फरेंदा स्थित मां दुर्गा मंदिर के सरोवर में बालक की डूबकर मौत हो गई जबकि कोल्हुई क्षेत्र के श्रीनगर ताल में डूबे महुआरी निवासी 55 वर्षीय निजामुद्दीन की ताल से लाश बरामद हुई। पनियरा ब्लाक के ग्राम सुचितपुर बघौना के पास डोमराजर्दी बांध व सदर कोतवाली के त्रिमुहानी घाट के पास रोहिन नदी का चेहरी बांध टूटने से क्रमश: पनियरा-कैंपियरगंज, महराजगंज-फरेंदा मार्ग पर आवागम ठप हो गया है। जिले में बाढ़ की विभीषिका से डेढ़ सौ से अधिक गांव प्रभावित हैं जबकि 48 गांव मैरूंड हैं। 

संतकबीर नगर और गोंडा के गांव घिरे 

संतकबीर नगर जनपद के धनघटा तहसील क्षेत्र में घाघरा नदी ने लाल निशान को तुर्कवलिया में पार कर लिया है। इससे जहां आधा दर्जन से अधिक गांव बाढ़ के पानी से घिरने लगे हैं, वही किसानों की लगी फसलें बाढ़ के पानी से डूबने के कारण बर्बाद होने के कगार पर पहुंच गई है। हालांकि बंधे की सुरक्षा के लिए विभाग ने मुश्तैदी बढ़ा दी है।  बस्ती  के तटवर्ती गांवों में घाघरा की बाढ़ से स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। जनपद के 13 गांवों में पानी घुस गया है। आठ गांव मैरुंड हो गए हैं। लोगों ने तटबंध व बाढ़ राहत कैंप में पर शरण लेनी शुरू कर दी है। नौरहनी घाट पर शिव मंदिर की एक दीवार ध्वस्त हो गई है। विक्रमजोत विकास खंड के तटबंध विहीन गांव भरथापुर, सहजौरा पाठक, पड़ाव, कल्याणपुर, केशवपुर, रानीपुर कठवनिया, मुड़ेरीपुर, पचपेड़वा, बाघानाला, फूलडीह, कवलपुर, छतौना, संदलपुर, चानपुर, विक्रमजोत में लोगों के घरों में पानी घुस गया है।

गोरखपुर की गलियों में पानी घुसा

राप्ती नदी का पानी रेगुलेटरों से होकर गोरखपुर के मोहल्लों में घुस रहा है। बहरामपुर, पीपरापुर, हासूपुर में दर्जनों मकान जलमग्न हो चुके हैं। लोग परिवार व समान को सुरक्षित स्थान पर ठिकानों पर लगाने में लगे है। सूचना मिलते ही डीएम, कमिश्नर मौके पर पहुंच कर बचाव कार्य का जायजा ले रहे हैं। सिचाई विभाग व नगर निगम के अधिकारी, कर्मचारी संसाधनों के साथ बचाव कार्य कर रहे है। रेगुलेटर के जर्जर लोहे के प्लेट बदले जा रहे हैं। हावर्ट बांध पर प्रभावित मोहल्लों के लोग बड़ी संख्या में उतर आए हैं। लापरवाही को लेकर लोगो में काफी रोष है। पुलिस अधिकारी भी फोर्स के साथ सुरक्षा की लिहाज से मौजूद है। 

बसंतपुर के रेगुलेटरों से रिसाव 

अथक प्रयास के बाद दोपहर 12 बजे डोमिनगढ़ रेगुलेटर का रिसाव बन्द हो गया लेकिन बहरामपुर और बसंतपुर के रेगुलेटरों से रिसाव बन्द नहीं हो पा रहा है। मोहल्लों में जलजमाव को खत्म करने के लिये नगर निगम के सभी बाढ़ पम्पिंग स्टेशनों पर लगे इलेक्ट्रिक व डीज़ल इंजनों को चालू कर पाइपों के जरिये नदी में पानी फेंका जा रहा है। प्रभावित जफर कालोनी, बहरामपुर में वाराणसी से 11 बटालियन एनडीआरएफ की टीम भी आ गयी है। आइजी, डीआइजी भी मौके पर पहुंचे। कई लोग पलायन कर चुके हैं। तमाम लोग दूसरी मंजिल व छतों पर शरण लिए है। 


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