लूम का नाम घर-दुकान रोशन, अब नहीं चलेगा
गोरखपुर: पावरलूम के नाम पर कनेक्शन लेकर बिजली का उपयोग अब अन्य कार्यो में नहीं हो पाएगा।
गोरखपुर: पावरलूम के नाम पर कनेक्शन लेकर बिजली का उपयोग अब अन्य कार्यो में नहीं हो पाएगा। शासन ने पावरलूम के नाम पर लिए गए कनेक्शन के अन्य तरह के उपयोग पर सख्ती का निर्णय लिया है। आदेश दिया है कि पावर कारपोरेशन यह सुनिश्चित करे कि पावरलूम के कनेक्शन पर सिर्फ पावरलूम ही चले।
गोरखपुर-बस्ती मंडल के तीन जिलों में पचास हजार से ज्यादा पावरलूम चल रहे हैं। गोरखपुर में तकरीबन बीस हजार, संतकबीरनगर में तीस हजार और महराजगंज में तकरीबन एक हजार पावरलूम स्थापित हैं। इन पावरलूम से प्रतिमाह सिर्फ 150 रुपये बिजली का फिक्स चार्ज लिया जाता है। यानी अगर किसी ने दस पावरलूम लगाए हैं तो उसे पंद्रह सौ रुपये महीना बिजली का बिल देना होगा।
शासन को लगातार शिकायत मिल रही है कि पावरलूम के नाम पर कनेक्शन लेकर कुछ लोग बिजली का दूसरे कार्यो में इस्तेमाल कर रहे हैं। कुछ पावरलूम के कनेक्शन पर घर तो कुछ अपनी दुकानों की बिजली जला रहे हैं। इन शिकायतों के बाद शासन ने पावर कारपोरेशन को जांच करने का आदेश दिया है।
अफसरों की समिति करेगी जांच
प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक को पत्र लिखकर सभी पावरलूम की जांच का आदेश दिया है। डीएम बिजली विभाग के संबंधित क्षेत्र के एसडीओ और हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग के जिला स्तर के अधिकारियों की एक संयुक्त टीम बनाएंगे। यह टीम पावरलूम का स्थलीय सत्यापन करेगी। यदि कहीं पावरलूम के कनेक्शन पर आवास-दुकान या अन्य स्थानों पर बिजली जलती मिली तो पावरलूम का कनेक्शन अलग कर अन्य कार्यो के लिए लिए दूसरा कनेक्शन दिया जाएगा।
फैक्ट फाइल
जिला लूम की संख्या
गोरखपुर 20000
संतकबीरनगर 30000
महराजगंज 1000
नोट- एक लूम से प्रति माह 150 रुपये फिक्स चार्ज लिए जाते हैं
जांच की जाएगी
पावरलूम के कनेक्शनों की जांच की जाएगी। यदि कहीं पावरलूम के कनेक्शन पर आवास-दुकान या अन्य कहीं बिजली का इस्तेमाल होता मिला तो इसकी सूची बनाकर दूसरा कनेक्शन जारी किया जाएगा।
एके सिंह, चीफ इंजीनियर गोरखपुर जोन