लोकसभा चुनाव 2019 : कांग्रेस व सपा-बसपा गठबंधन ने नहीं खोले पत्ते, भाजपा में भी इंतजार
कुशीनगर लोकसभा में कांग्रेस ने राजदरबार के सदस्य आरपीएन सिंह को फिर से मैदान में उतारा है तो सपा ने अभी किसी पर दांव नहीं लगाया है। भाजपा भी प्रतीक्षा ही कर रही है।
गोरखपुर/कुशीनगर, अजय कुमार शुक्ल। सपा-बसपा गठबंधन ने वैसे तो पूरे प्रदेश का राजनीतिक समीकरण बदला है, लेकिन कुशीनगर लोकसभा में यह समीकरण कुछ अधिक ही बदला दिख रहा है। कांग्रेस ने राजदरबार के सदस्य आरपीएन सिंह को फिर से मैदान में उतारा है तो सपा ने अभी किसी पर दांव नहीं लगाया है। भाजपा में भी अभी उम्मीदवार को लेकर इंतजार है। पिछले लोकसभा के मुकाबिल बदले राजनीतिक समीकरण को नए तरीके से साधने में सभी दल लगे हैं। पिछली बार बसपा और सपा ने अलग-अलग खम ठोंका था तो अब हाथ मिलाकर मैदान में हैं। अपनी सियासी जुगलबंदी से गठबंधन जीत की ओर बढऩे की कोशिश करेगा तो राज दरबार को जीत की दरकार होगी और भाजपा के सामने अपनी सीट बचाए रखने की चुनौती।
मतलब राजनीतिक समीकरण पूरी तरह से बदला होगा। ऐसे में पुराने सियासी दांव से इतर नए पैंतरे चलने की जुगत में सभी दल होंगे। आजादी के बाद सोशलिस्ट पार्टी, कांग्रेस, जनता दल, भाजपा यहां तक की निर्दल प्रत्याशी ने भी जीत दर्ज की है, लेकिन कभी बसपा या सपा ने जीत का स्वाद नहीं चखा। लोकसभा चुनाव में पहली बार उनका गठबंधन मैदान में होगा तो भाजपा व कांग्रेस अपनी परंपरागत सीट पर काबिज होने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। बदले सियासी समीकरण से बदले सियासी मिजाज को समझने में सभी दल लगे हैं तो इसको भांपने में मतदाता भी पीछे नहीं हैं।
वर्ष 2014 के चुनाव में किसको कितना मिला वोट
भाजपा 370051 (38.92 फीसद)
कांग्रेस 284511 (29.92 फीसद)
सपा 132881 (13.98 फीसद)
सपा 11256 (11.70 फीसद)
2009 के तुलना में किसको कितना फायदा और नुकसान फीसद
भाजपा + 16.73 फीसद
कांग्रेस - 0.71 फीसद
बसपा - 13.77 फीसद
सपा + 4.15 फीसद