दो विभागों के झगड़े में जनता हलकान
गोरखपुर: नगर निगम एवं जल निगम के विवाद का खामियाजा हजारों लोगों को भुगतना पड़ रहा है। नगर निगम वार्ड
गोरखपुर: नगर निगम एवं जल निगम के विवाद का खामियाजा हजारों लोगों को भुगतना पड़ रहा है। नगर निगम वार्ड नंबर 22 जंगल तुलसीराम बिछिया में 60 लाख रुपये की लागत से सड़क बनवा रहा था, लेकिन जल निगम ने पाइपलाइन बिछाने के लिए निर्माणाधीन सड़क के किनारे-किनारे एक मीटर गहरा गड्ढा खोद दिया। नगर निगम के अधिकारी जल निगम से क्षतिपूर्ति की मांग कर रहे हैं लेकिन जल निगम क्षतिपूर्ति देने को फिलहाल तैयार नहीं है। सड़क न बनने से नाराज लोगों ने कमिश्नर से गुहार की है।
फरवरी में जंगल तुलसीराम बिछिया में हाट मिक्स प्लांट से तकरीबन एक किलोमीटर लंबी सड़क बनाई गई थी। इसी बीच जल निगम ने पाइपलाइन बिछाने के लिए सड़क के किनारे-किनारे एक मीटर गहरा गड्ढा खोद दिया। ठेकेदार ने काम रोक दिया और महापौर, नगर आयुक्त एवं नगर निगम के चीफ इंजीनियर को सूचना दी। महापौर डा. सत्या पांडेय ने मौके पर जाकर सड़क का मुआयना दिया। उन्होंने जल निगम से क्षतिपूर्ति की मांग की। चीफ इंजीनियर ने जल निगम के अधिकारियों को बुलाकर भविष्य में गड्ढा खोदने से पहले सूचना देने तथा क्षतिपूर्ति की मांग रखी, लेकिन जल निगम ने अब तक इस मद में धनराशि नहीं दी जिसके कारण तीन माह से क्षतिग्रस्त सड़क ठीक नहीं कराई गई। वार्ड के जय बिहारी श्रीवास्तव, रजनीकांत पांडेय, नरेंद्र सिंह, रामबली राजभर व राजमती देवी का कहना है कि सड़क पर गिट्टी व गड्ढे के कारण चलना मुश्किल हो गया है। आए दिन कोई न कोई गिर जा रहा है। डर की वजह से बच्चों को घर निकलने नहीं देते। पार्षद चंद्रभान प्रजापति का कहना है कि नगर निगम प्रशासन जनता की समस्याओं को नजरअंदाज कर रहा है। दो दिन पहले सड़क बनवाने के लिए कमिश्नर को पत्र दिया गया है।
कोट
जल निगम से क्षतिपूर्ति ली जानी है। उन्होंने बिना सूचना के पाइपलाइन बिछाने के लिए नई सड़क पर गड्ढा खोदा था। जल निगम के अधिकारियों से बात हो गई है। दो सप्ताह के भीतर सड़क बनाने का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
सुरेश चंद, मुख्य अभियंता