हियुवा की सदस्यता पाने की मची होड़
गोरखपुर : हियुवा के मुख्य संरक्षक महंत आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद संगठन की सदस्यता पाने क
गोरखपुर : हियुवा के मुख्य संरक्षक महंत आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद संगठन की सदस्यता पाने की होड़ मच गई है। कार्यालय के साथ ही प्रदेश प्रभारियों के पास पूरे प्रदेश से फोन आ रहे हैं। युवा जुड़ने की इच्छा जताने के साथ ही पदाधिकारियों से समय मांग रहे हैं। मुख्य संरक्षक से निर्देश मिलने के बाद भी संगठन के पदाधिकारी नई सदस्यता के बारे में कोई निर्णय लेंगे।
अप्रैल 2002 की राम नवमी के दिन महंत आदित्यनाथ ने गोरखपुर महानगर के नवयुवकों को संगठित कर हिन्दू युवा वाहिनी की आधारशिला रखी। ¨हदू, धर्म, संस्कृति की रक्षा के लिए गठित यह संगठन अपने पारदर्शी क्रियाकलापों उत्तर प्रदेश के अलावा दूसरे प्रदेश तक पहुंच गया। वर्तमान में संगठन विस्तार उत्तर प्रदेश के सभी 72 जनपदों में है। संगठन के पदाधिकारियों ने गोरखपुर, बस्ती, गोंडा, आजमगढ़, झांसी, मथुरा मंडल में जनहित के मुद्दों को लेकर लंबे समय तक संघर्ष किया। कई पदाधिकारियों पर गंभीर धारा में मुकदमा दर्ज हुआ। विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह, महामंत्री रामलक्ष्मण और प्रदेश मंत्री अरुण भारती ने संगठन से बगावत कर भाजपा के खिलाफ चुनाव में प्रत्याशी उतार दिए। महंत आदित्यनाथ के निर्देश पर हियुवा के प्रदेश संयोजक ने बगावत करने वाले अध्यक्ष, महामंत्री और मंत्री को पद से हटा दिया था। जिसके बाद संगठन में दो गुट बन गए थे। विधानसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद बगावत करने वाला गुट धराशायी हो गया। महंत आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनते ही सभी लोगों ने संगठन में वापसी की कोशिश तेज कर दी है। इसके अलावा प्रदेश के अन्य जिलों से हियुवा के प्रदेश कार्यालय पर सदस्य बनने के लिए सैकड़ों लोगों के फोन आ रहे हैं। हर कोई संगठन का सदस्य बनने की इच्छा जता रहा है।
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वेरीफिकेशन के बाद बनाए जाएंगे नए सदस्य
हियुवा के प्रदेश कार्यालय प्रभारी ई. पीके मल्ल ने बताया कि सदस्य बनने के लिए रोजाना सैकड़ों के लोगों के फोन आ रहे हैं। मुख्य संरक्षक से निर्देश मिलने के बाद भी इस पर कोई विचार किया जाएगा। प्रदेश में गठित हियुवा की 86 इकाईयों को पुर्नगठन भी होगा। सक्रिय कार्यकर्ता ही ब्लाक, नगर, जिला और प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल होंगे। संगठन से निकालने गए प्रदेश अध्यक्ष, महामंत्री और मंत्री के वापसी के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस पर अंतिम निर्णय मुख्य संरक्षक लेंगे। नए लोगों का वेरीफिकेशन कराने के बाद ही संगठन की सदस्यता मिलेगी।