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78 दिन में सिर्फ 17 फीसद धान खरीद

गोरखपुर : 78 दिन में 17 फीसद की धान खरीद, ऐसे में तो हो चुका किसानों का कल्याण। आंकड़ों पर गौर करें त

By Edited By: Published: Wed, 18 Jan 2017 01:27 AM (IST)Updated: Wed, 18 Jan 2017 01:27 AM (IST)
78 दिन में सिर्फ 17 फीसद धान खरीद
78 दिन में सिर्फ 17 फीसद धान खरीद

गोरखपुर : 78 दिन में 17 फीसद की धान खरीद, ऐसे में तो हो चुका किसानों का कल्याण। आंकड़ों पर गौर करें तो धान खरीद में एक बार फिर सरकारी मशीनरी नाकाम होती दिख रही है। धान खरीद शुरू हुए दो माह से ऊपर चुके हैं लेकिन अभी तक लक्ष्य के सापेक्ष 17 फीसद भी खरीद नहीं हो सकी है। ऐसी स्थिति में मंडल में स्थापित क्रय केंद्र व क्रय एजेंसियों के औचित्य पर सवाल उठने लगे हैं।

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मंडल में किसानों से सीधे धान खरीद के लिए 326 क्रय केंद्र बनाए गए हैं। मंडल में स्थापित क्रय केंद्रों में सर्वाधिक पीसीएफ के 168 क्रय केंद्र व खाद्य विभाग के 35 क्रय केंद्र अनुमोदित किए गए थे। इनमें कर्मचारी कल्याण निगम के 13, यूपी एग्रो के आठ, एनसीसीएफ के 13 व एफसीआइ के आठ केंद्र शामिल हैं। अगर जनपदवार क्रय केंद्रों पर नजर डाले तो गोरखपुर में 104 व महराजगंज में 110 क्रय केंद्र बनाए गए हैं। जबकि देवरिया में 55 व कुशीनगर में 57 क्रय केंद्रों का अनुमोदन किया गया है। लेकिन आश्चर्य की बात तो यह कि मंडल में करीब तीस फीसद ऐसे क्रय केंद्र हैं जो अभी तक क्रियाशील नहीं हो सके। इन केंद्रों को क्रियाशील करने के लिए किसानों ने कई बार उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा लेकिन क्रय एजेंसियों के कान पर जूं तक नहीं रेंगा। खरीद में आई सुस्ती को देखते हुए ही प्रदेश सरकार ने खरीद का लक्ष्य पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष करीब 25 फीसद कम कर दिया। इस वर्ष संभाग में 415080 मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य है। लेकिन अभी तक चारों जनपदों को मिलाकर मात्र 67840 मीट्रिक टन की ही खरीद हो सकी है। यह हाल तब है जब प्रदेश सरकार ने खरीद में तेजी के लिए निर्देश दे रखे हैं। 17 जनवरी तक हुई खरीद पर नजर डाले तो अब तक मात्र 16.34 फीसद ही खरीद हो सकी है। ऐसे में सरकारी मशीनरी की सक्रियता का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।

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क्रय केंद्रों का होगा औचक निरीक्षण : राममूर्ति वर्मा

संभागीय खाद्य विपणन अधिकारी राममूर्ति वर्मा ने बताया कि किसानों से अधिकाधिक खरीद के लिए केंद्र प्रभारियों को लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं। अगर किसी केंद्र पर किसानों को अपनी उपज बेचने में परेशानी हो रही है तो किसान सीधे संभागीय खाद्य विपणन अधिकारी कार्यालय से संपर्क करें। संबंधित केंद्र प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


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