हाथ नहीं आएगी मतदान सत्यापन पर्ची
गोरखपुर: लोक सभा अथवा विधान सभा चुनाव में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के जरिए आपने जो मतदान किय
गोरखपुर: लोक सभा अथवा विधान सभा चुनाव में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के जरिए आपने जो मतदान किया है, वह सही प्रत्याशी को ही मिला है अथवा नहीं, इसका पोलिंग बूथ के भीतर ही पता चल जाएगा। इसके लिए वहां लगाई जाने वाली वीवीपैट (वोटर्स वेरीफाइड पेपर आडिट ट्रेल) मशीन से एक सत्यापन पर्ची निकलेगी लेकिन पर्ची हाथ नहीं आएगी। इसे कुछ क्षण के लिए स्क्रीन पर सिर्फ देखा ही जा सकेगा। पर्ची पर प्रत्याशी का चिह्न और नंबर अंकित होगा।
फिलहाल यह मशीन 2015 के विधान सभा चुनाव में किसी एक क्षेत्र में प्रयोग के रूप में इस्तेमाल की जाएगी। दरअसल मतदान के लिए ईवीएम की दो यूनिट का इस्तेमाल होता है। एक कंट्रोल यूनिट पीठासीन अधिकारी के पास होती है और दूसरी बैलेट यूनिट पर मतदाता मतदान करता है। वीवीपैट मशीन ईवीएम के बगल में ही रखी जाएगी। इसके लगने के बाद निर्वाचन आयोग की इस नई व्यवस्था में मतदाता की यह आशंका खत्म हो जाएगी कि ईवीएम की बटन सही दबी है अथवा नहीं। पर्ची सात सेकंड के लिए नजर आएगी और फिर स्वत: कटकर मशीन के भीतर बने बाक्स में गिर जाएगी। सभी पर्चियां मतदान के बाद एकत्र कर सील की जाएंगी और जरूरत पड़ने पर उसे मतगणना के समय उसकी गिनती की जाएगी। उत्तर प्रदेश में वीवीपैट मशीन का प्रयोग पहली बार होने जा रहा है और गोरखपुर में 801 मशीनें पहुंच चुकी हैं। हालांकि इसका प्रयोग किस विधान सभा क्षेत्र में होगा, यह अभी तय नहीं है लेकिन माना जा रहा है कि गोरखपुर शहर में इसे लगाया जाएगा। गोरखपुर शहर में 474 पोलिंग बूथ हैं।
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14 से होगा अधिकारियों का प्रशिक्षण
वीवीपैट मशीन के प्रयोग को लेकर गोरखपुर, बस्ती, फैजाबाद मंडल के 36 रिटर्निग अधिकारियों को 14 दिसंबर को यहां प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिला प्रशासन ने प्रशिक्षण की तैयारियां शुरू कर दी हैं।
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वीवीपैट मशीन का पहली बार प्रयोग होने जा रहा है। ऐसे में इसका प्रशिक्षण महत्वपूर्ण है। मशीनें आ चुकी हैं लेकिन इसे किस विधान सभा क्षेत्र में लगाया जाएगा, इसका निर्धारण निर्वाचन आयोग के निर्देश पर होना है।
-डा. चंद्रभूषण त्रिपाठी, उप जिला निर्वाचन अधिकारी