हमसफर' में मिलेगी मेट्रो की सुविधा
गोरखपुर : बहुप्रतीक्षित हमसफर ट्रेन की रैक मंगलवार की देर रात गोरखपुर पहुंच गई। महाप्रबंधक राजीव मि
गोरखपुर : बहुप्रतीक्षित हमसफर ट्रेन की रैक मंगलवार की देर रात गोरखपुर पहुंच गई। महाप्रबंधक राजीव मिश्र के नेतृत्व में अधिकारियों ने रैक में लगी बोगियों का अवलोकन किया। बोगियों में दी गई सुविधाओं को देखकर अधिकारी गदगद हो गए। उनका कहना है कि सुविधा तो मेट्रो जैसी है। अब सिर्फ रेलवे बोर्ड की हरी झंडी का इंतजार है। यह नई ट्रेन गोरखपुर से आनंदविहार (दिल्ली) के बीच चलने लगेगी।
हमसफर ट्रेन की रैक दो दिन पहले लखनऊ मंडल के आनंदनगर रेलवे स्टेशन पर पहुंची थी। मंगलवार की रात रैक गोरखपुर लाई गई। सुबह 10 बजे के आसपास प्लेटफार्म नंबर एक पर खड़ी रैक को देखने महाप्रबंधक राजीव मिश्र और अन्य वरिष्ठ रेल अधिकारी पहुंच गए। बोगियों को देखने के बाद महाप्रबंधक ने प्रसन्नता जताई। अधिकारियों ने एकदूसरे को बधाई दी। अब इस ट्रेन को चलाने के लिए जोरशोर से तैयारी शुरू हो चुकी है। रेलमंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु से संपर्क स्थापित किया जा रहा है। उनकी संस्तुत पर नई ट्रेन के उद्घाटन की तिथि भी घोषित कर दी जाएगी। विभाग के लोगों का कहना है कि 25 या 26 नवंबर को हरी झंडी मिल सकती है। रेलमंत्री दिल्ली से नई ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। इसके अलावा प्लेटफार्म नंबर 9 स्थित स्वचालित सीढ़ी, लिफ्ट और इलेक्ट्रिक लोको शेड का भी शिलान्यास कर सकते हैं।
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मिलने वाली सुविधाएं
- वातानुकूलित बोगी की ऊपर की बर्थ के लिए आरामदायक हेडरेस्ट।
- प्रत्येक बर्थ के साथ मोबाइल व लैपटॉप चार्जिंग प्वाइंट अटैच है।
- जीपीएस आधारित यात्री सूचना तंत्र, सीसीटीवी कैमरा और बायोटॉयलेट।
- डिस्प्लेबोर्ड पर यात्रियों को मिल जाएगी अगले स्टेशन की सूचना।
- लिकमेन हॉफमेन बुश (एलएचबी) तकनीक से बनाए गए हैं कोच।
- दृष्टिबाधित यात्रियों को ब्रेल लिपि में दी जाएंगी आवश्यक जानकारियां।
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सप्ताह में तीन दिन
चलेगी नई ट्रेन
22 कोच की हमसफर ट्रेन सप्ताह में तीन दिन चलेगी। यह ट्रेन एक दिन रविवार को बढ़नी तथा दो दिन मंगलवार और गुरुवार को बस्ती के रास्ते आनंदविहार जाएगी। गोरखपुर-बस्ती रूट पर अब यह ट्रेन लखनऊ और कानपुर के अलावा अब गोंडा में भी रुकेगी। 12595/12596 नंबर की ट्रेन गोरखपुर और आनंदविहार से रात 8.30 बजे से ही चलाई जाएगी, जो 12.30 घंटे में अपनी यात्रा पूरी कर लेगी। इस ट्रेन के चलने से गोरखपुर ही नहीं बस्ती, सिद्धार्थनगर, नेपाल और समीपवर्ती क्षेत्र के लोगों की राह आसान हो जाएगी। किराया सामान्य ट्रेनों से 20 फीसद अधिक होगा।