डिजिटल इंडिया को बनाए दिनचर्या का हिस्सा
गोरखपुर : संचार क्रांति आने वाले समय में हमें पूरी तरह डिजिटलाइज कर देगी। इससे कोई भी कार्य त्रुटिही
गोरखपुर : संचार क्रांति आने वाले समय में हमें पूरी तरह डिजिटलाइज कर देगी। इससे कोई भी कार्य त्रुटिहीन तरीके से संभव हो सकेगा। इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए हमें डिजिटल इंडिया की अवधारणा को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना होगा।
उक्त विचार दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.अशोक कुमार ने संवाद भवन में डिजिटल इंडिया पर आयोजित वर्कशाप के समापन सत्र में अपने अध्यक्षीय संबोधन में कही। राष्ट्रीय सेवा योजना की ओर से आयोजित वर्कशाप में कुलपति ने स्वयं सेवकों को अच्छा इंसान बनने की नसीहत भी दी। नगर निगम की महापौर डॉ.सत्या पांडेय ने कहा कि एनएसएस के स्वयंसेवकों द्वारा डिजिटल इंडिया का जो विस्तारीकरण किया जा रहा है, वह सराहनीय है। विशिष्ट अतिथि प्रो.नंदिता सिंह ने कहा कि डिजिटल इंडिया के माध्यम से कार्यालय का कार्य शीघ्रता व सुगमता संभव हो सकेगा। प्रो.सिंह ने कहा कि यह प्रक्रिया आज समय की जरूरत बन गई है। महाविद्यालय के स्वयंसेवकों द्वारा डिजिटल इंडिया के महत्व को अपने-अपने तरीके से प्रस्तुत किया गया। एडीएम वित्त चंद्रभूषण त्रिपाठी, एसडीएम सदर रत्नाप्रिया व प्रो.अजय कुमार शुक्ल ने स्वयंसेवकों को मस्तिष्क को डिजिटल बनाने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि इस योजना का उद्देश्य जीवन स्तर को ऊपर उठाना है। अभियान से जुडे़ विशेषज्ञ प्रदुम्न अग्रहरी ने पावर प्वाइंट के माध्यम से डिजिटलाइजेशन के महत्व को बताया। धन्यवाद ज्ञापन प्रो.राजीव प्रभाकर और संचालन डा.सुधीर शुक्ला ने किया।
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आयोजित हुई प्रतियोगिताएं
गोरखपुर : वर्कशाप के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गया। इसमें 20 महाविद्यालयों के 200 स्वयंसेवकों के साथ विश्वविद्यालय के आवासीय परिसर के स्वयंसेवकों सहित 250 स्वयंसेवकों ने प्रतिभाग किया। डिजिटल इंडिया पर आधारित विषयवस्तु पर 5 महाविद्यालयों ने 10-10 मिनट का नाट्य मंचन भी किया। नाटक, पोस्ट और क्विज प्रतियोगिता के विजेता स्कूलों को पुरस्कृत भी किया गया।