क्वार में सावन का अहसास
गोरखपुर : पूरे सीजन में पूर्वाचल के प्रति कंजूस रहे बादल, शनिवार को विदाई की बेला में जमकर बरसे। इतन
गोरखपुर : पूरे सीजन में पूर्वाचल के प्रति कंजूस रहे बादल, शनिवार को विदाई की बेला में जमकर बरसे। इतना बरसे कि एक दिन के लिए ही सही क्वार में सावन का अहसास करा गए।
शुक्रवार को रात से ही बूंदाबांदी का सिलसिला शुरू हुआ। शनिवार को करीब छह बजे गरज और तड़क के साथ चार घंटे तक झमाझम बारिश हुई। हालांकि, रिमझिम बारिश तो दोपहर तीन बजे तक रुक-रुक कर होती रही। थोड़ी देर के लिए सूरज निकला, मगर फिर बादल छा गए।
चौबीस घंटे में मौसम और एयरफोर्स स्थित मौसम केंद्र ने क्रमश: 61.2 और 66 मिलीमीटर (मिमी) बारिश रिकार्ड की। यह मानसून के इस सीजन में 16 अगस्त (84.5 मिमी) का सर्वाधिक है। बारिश और बदली से इसी दौरान अधिकतम तापमान 33.2 डिग्री सेलसियस (डिसे) से गिरकर 26.6 पर आ गया। अमूमन तापमान इस स्तर पर मध्य अक्टूबर के बाद या नवंबर के पहले हफ्ते में आता है।
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किसानों के चेहरे खिले
गोरखपुर : विदा हो रहे मानसून की इस अप्रत्याशित मेहरबानी से किसान खुश हैं। बची-खुची धान की फसल के लिए तो यह बारिश मुफीद है ही, अक्टूबर से बोई जाने वाली रबी की सरसों, आलू और अन्य फसलों के लिए भी इससे जरूरी नमी मिल जाएगी। किसान अगर जोताई के बाद पाटा लगाकर नमी संरक्षित करेंगे तो मध्य अक्टूबर में चना और मटर भी बो सकते हैं।
जिला कृषि अधिकारी अरविंद चौधरी के अनुसार धान की मुख्य फसल में बाली लगने को है। पिछैती फसल भी रेड़े में है। बारिश दोनों के लिए संजीवनी जैसी है। उन्होने किसानों को सलाह दी कि जिस फसल में बाली आने को है, बेहतर उपज के लिए किसान उसमें यूरिया का छिड़काव करें।
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चौबीस घंटे में चार साल की बारिश का रिकार्ड
24 सितंबर के मौसम की कई खूबियां रहीं। मसलन चौबीस घंटे के दौरान हुई बारिश ने चार साल का रिकार्ड तोड़ दिया। इसी दौरान अधिकतम तापमान में करीब सात डिसे की कमी हुई। अधिकतम और न्यूनतम तापमान में सिर्फ 3.3 डिसे का फर्क भी खुद में अपवाद ही है।
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चार वर्षो में 24 घंटे
की सर्वाधिक बारिश
वर्ष वर्षा मिमी में
2016 61.2
2015 11.6
2014 50.2
2013 57.6
(स्रोत मौसम विभाग)
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