इलेक्ट्रिक इंजन से फर्राटा भरेगी वैशाली
गोरखपुर : इंतजार की घड़ियां समाप्त हो गई। रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने गुरुवार को गोरखपुर-बस्ती रेल
गोरखपुर : इंतजार की घड़ियां समाप्त हो गई। रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने गुरुवार को गोरखपुर-बस्ती रेलमार्ग पर इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाने की अनुमति प्रदान कर दी। शुक्रवार से पूर्वोत्तर रेलवे रूट पर भी इलेक्ट्रिक ट्रेन फर्राटा भरने लगेंगी। 12553/12554 सुपरफास्ट वैशाली एक्सप्रेस पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन बनी है। वह गुरुवार को नई दिल्ली से इलेक्ट्रिक बनकर ही रवाना हुई। इलेक्ट्रिक ट्रेन के रूप में ही छपरा-गोरखपुर-लखनऊ होते हुए बरौनी से नई दिल्ली के बीच चलाई जाएगी।
निरीक्षण के बाद रेल संरक्षा आयुक्त ने पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य मार्ग बाराबंकी से छपरा (425 किमी) तक दोनों लाइनों पर इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाने की अनुमति प्रदान कर दी है। लखनऊ-दिल्ली रूट पर पहले से विद्युत गाड़ियां दौड़ रही हैं। इधर, छपरा से बरौनी तक विद्युतीकरण पूरा हो चुका है। दिल्ली से बरौनी तक लिंक मार्ग जुड़ते ही इलेक्ट्रिक ट्रेनों का संचलन आसान हो गया है।
फिलहाल, सीआरएस ने गोरखपुर जंक्शन यार्ड में 5 रेल लाइनों पर इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाने की अनुमति दी है। एक और दो के अलावा टू ए, तीन और चार नंबर प्लेटफार्म से भी ट्रेन चलाई जाएगी। हालांकि, पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने 12555/12556 गोरखधाम सुपरफास्ट को पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन के रूप में तैयार किया था। लेकिन, अभी स्टेशन यार्ड में इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाने की अनुमति नहीं मिलने से गोरखधाम पिछड़ गई है। सूत्रों का कहना है कि यार्ड के लिए भी जल्द ही सीआरएस की रिपोर्ट मिल जाएगी। गोरखधाम सहित 12565/12566 बिहार संपर्क क्रांति आदि अन्य प्रमुख गाड़ियां भी इलेक्ट्रिक बन जाएंगी।
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उद्घाटन की तैयारी
विद्युतीकरण पूरा होने के बाद पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने जोरशोर से उद्घाटन की तैयारी शुरू कर दी है। रेलमंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु का वार्ता चल रही है। सितंबर के प्रथम सप्ताह में रेलमंत्री विद्युतीकरण का उद्घाटन कर सकते हैं। वह गोरखपुर में इलेक्ट्रिक शेड का शिलान्यास और उत्तरी द्वार का उद्घाटन भी करेंगे। उद्घाटन तक वैशाली व अन्य कुछ गाड़ियां इलेक्ट्रिक ट्रेन के रूप में फर्राटा भरती रहेंगी।