हेराफेरी में फंसे व्यापारी, पंजीयन निलंबित
गोरखपुर : कुशीनगर के बड़े लोहा कारोबारी को कागजों में हेराफेरी करना महंगा पड़ गया। व्यापारी द्वारा सर
गोरखपुर : कुशीनगर के बड़े लोहा कारोबारी को कागजों में हेराफेरी करना महंगा पड़ गया। व्यापारी द्वारा सरिया तो बिहार से मंगाया जा रहा था लेकिन उसकी खरीद यूपी से ही दिखाई जा रही थी। यानी यूपी से माल का खरीद दिखाना और यूपी में ही बेच देना। मामले की जांच हुई तो वाणिज्य कर विभाग ने व्यापारी का पंजीयन निलंबित कर दिया है। फर्म द्वारा 15 माह में 10 करोड़ की बिक्री दिखाई गई है।
कुशीनगर के तमकुहीराज बार्डर पर हरेंद्र सिंह की हरिओम स्टील के नाम से फर्म है। फर्म द्वारा लोहे का कारोबार किया जाता है। बीते 22 जुलाई को वाणिज्य कर विभाग ने एक ट्रक (एचआर-55, एन 0696) सरिया पकड़ा था। विभागीय जांच में सरिया बिहार से खरीदकर यूपी में बेचने की पुष्टि हुई। जबकि कागज तमकुहीराज से यूपी के ही किसी अन्य जनपद में बिक्री का बनाया गया था। इस पर विभाग ने 1.02 लाख की जमानत धनराशि जमा कराया।
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एडीशनल कमिश्नर की जांच में खुली पोल
पत्रावली की जांच एडीशनल कमिश्नर ग्रेड-1 आरके कुरील ने खुद ही शुरू की दी है। उन्होंने फाइल का अवलोकन किया तो पता चला कि व्यापारी द्वारा कानपुर, लखनऊ, गोरखपुर, देवरिया, बलरामपुर आदि जनपदों से सरिया खरीदकर तमकुहीराज लाना दिखाया गया है। इसके बाद फिर उन्हीं जगहों पर बिक्री भी दिखा दी गई है। मामला यही संदिग्ध हो गया। विभाग के मुताबिक यह संभव ही नहीं है कोई व्यापारी कानपुर से माल खरीदकर तमकुहीराज ले आए इसके बाद फिर माल को कानपुर में बेचे। इसी आधार पर फर्म का पंजीयन निलंबित कर दिया गया।
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बिहार से खरीदा जा रहा था माल : आरके कुरील
एडीशनल कमिश्नर ग्रेड-1 आरके कुरील ने बताया कि फर्म द्वारा बड़े पैमाने पर बिहार से सरिया खरीदकर यूपी में बेचा जा रहा था। फर्म द्वारा 15 महीने में ही 10 करोड़ से ऊपर की बिक्री दिखाई गई है। फर्म को प्रोविजनल एसेसमेंट की नोटिस दी गई है। प्रोविजनल एसेसमेंट में प्रत्येक माह का एसेसमेंट किया जाता है। जिस माह में गड़बड़ी पाई जाएगी उसका तत्काल एसेसमेंट कर दिया जाएगा।