रेलवे की नालियों में नहीं बहेगा वर्षा जल
गोरखपुर : रेलवे की नालियों में अब वर्षा का जल नहीं बहेगा। उसे संचित कर बागवानी के उपयोग में लाया जाए
गोरखपुर : रेलवे की नालियों में अब वर्षा का जल नहीं बहेगा। उसे संचित कर बागवानी के उपयोग में लाया जाएगा। इसके लिए पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य यांत्रिक इंजीनियर एके सिंह ने अनूठी शुरुआत की है। परिसर में स्वच्छता अभियान चलाने और उद्यान लगाने के बाद अब रेन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण करा रहे हैं। इसके जरिए छतों पर गिरने वाला वर्षा का पानी संचित किया जाएगा।
गुरुवार की शाम कुछ मजदूरों को लेकर हार्वेस्टिंग के लिए खोदाई कर रहे सीनियर सेक्शन इंजीनियर रमेश पांडेय ने बताया कि प्रथम चरण में परिसर में तीन गड्ढे बनाए जाने हैं। पहले गड्ढे के खोदाई की शुरुआत हो चुकी है। गड्ढों का निर्माण विभाग के इंजीनियर और कर्मचारी श्रमदान के जरिए करेंगे। हार्वेस्टिंग सिस्टम के जरिए छतों का पानी गड्ढों में एकत्र किया जाएगा। जिसका उपयोग बागवानी में किया जाएगा, जलस्तर भी बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि मुख्य यांत्रिक इंजीनियर के नेतृत्व में प्रत्येक शुक्रवार को विभाग के समस्त इंजीनियर और कर्मचारी श्रमदान करते हैं। इसका परिणाम सामने हैं। परिसर में प्राणायाम वाटिका सहित तीन उद्यान तैयार हो चुके हैं। जहां कभी गंदगी पसरी रहती थी आज वहां वातावरण में फूलों की महक मन को शांति प्रदान कर रहे हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि जल संरक्षण के लिए दैनिक जागरण का प्रयास अपने आप में सराहनीय है। हमारी यह पहल जागरण के अभियान की ही एक कड़ी है। अभियान के चलते लोगों में जागरुकता बढ़ रही है।
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पर्यावरण और जल संरक्षण के लिए सबको आगे आना होगा। यह कोई नई बात नहीं है। सिर्फ पहल करने की जरूरत है। जागरुकता से ही हम अपने पर्यावरण और जल को संरक्षित कर सकते हैं।
एके सिंह, मुख्य यांत्रिक इंजीनियर- एनईआर